लखनऊ: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सचिवालय को बंद करने के बारे में विचार कर रही है. सरकार के उच्च अधिकारियों ने बुधवार को सचिवालय कर्मचारियों के संगठन पदाधिकारियों से इस बारे में वार्ता की है. साथ ही कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने पर सरकार के कामकाज को प्रभावित किए बगैर सचिवालय को बंद करने के बारे में सुझाव मांगा है.
कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हर रोज नई रणनीति तैयार कर रही है. अलर्ट मोड में आ चुकी सरकार उन सभी उपायों के बारे में विचार कर रही हैं, जिनसे कोरोना वायरस को देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में महामारी बनने से रोका जा सके. उत्तर प्रदेश सचिवालय में हजारों कर्मचारी काम करते हैं. उत्तर प्रदेश का सचिवालय, विधान भवन, लोक भवन, बापू भवन, लाल बहादुर शास्त्री भवन और विकास भवन के अलावा जवाहर भवन और इंदिरा भवन से संचालित हो रहा है.
अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश गुप्ता ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के पदाधिकारियों से इस बारे में लंबी चर्चा की है. सचिवालय संघ से सुझाव मांगे गए हैं कि किस तरह सरकार के जरूरी कामकाज को प्रभावित किए बगैर सचिवालय को बंद किया जा सकता है. जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उनमें बेहद जरूरी समझे जाने वाले राहत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं रसद, कृषि, गृह, वित्त जैसे विभाग को खोलना जरूरी माना जा रहा है साथ ही यह सुझाव भी दिए गए हैं कि इन विभागों में भी केवल उन्हीं अनुभाग के कर्मचारियों को बुलाया जाए जो बेहद जरूरी कार्य में शामिल है. सचिवालय सेवा के सभी कर्मचारियों को राजधानी लखनऊ छोड़कर बाहर न जाने की हिदायत दी जाए और उनके मोबाइल फोन को हमेशा ऑन रखा जाए, जिससे की जरूरत पर उन्हें तत्काल बुलाया जा सके.