लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में एक बार फिर छह माह के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून लगा दिया है. इसके बाद अब प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल करने पर पूरी तरह से रोक लग गई है. सरकार के आदेश के मुताबिक, अगले छह महीने तक प्रदेश में कोई भी कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेगा. कोविड से उबर रहे उत्तर प्रदेश में सरकार के कामकाज में कोई रुकावट न आये, इसके लिए यह फैसला लिया गया है.
बता दें कि इससे पहले कोरोना काल में योगी सरकार ने मई में छह महीने के लिए एस्मा लगाया था. जिसकी अवधि नवंबर में समाप्त हो रही थी. जिसके बाद एक बार फिर अगले 6 महीने के लिए हड़ताल पर रोक लगा दी गई है. दरअसल, कोरोना काल के दौरान सरकार ने कई वित्तीय फैसले लिए थे. अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए जाने वाले विभिन्न भत्तों में कटौती की गई थी. इस पर कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए हड़ताल की चेतावनी दी थी. कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए योगी सरकार ने यह कदम उठाया था.
हड़ताल पर रहेगी रोक
योगी सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण 1966 की धारा 3 की उप धारा (1) के द्वारा दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए एस्मा लागू किया है. एस्मा लागू होने से प्रदेश में किसी भी सरकारी विभाग, सरकार के नियंत्रण वाले निगम, प्राधिकारणों में हड़ताल करने पर रोक रहेगी. राज्य में कोई भी अधिकारी, कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल नहीं कर सकेंगे. इस संबंध में राज्य के कार्मिक विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है.
उल्लंघन पर क्या है दंड का प्रावधान
अत्यावश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू होने से राज्य में पूरी तरह से हड़ताल पर रोक रहेगी. इसमें विभिन्न आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी शामिल होते हैं. एस्मा का उल्लंघन करने पर किसी भी कर्मचारी को एक साल तक की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है. एस्मा लागू होने के बाद पुलिस को अधिकार मिल जाता है कि कानून उल्लंघन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सके.
क्या है एस्मा
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु लगाया जाता है. एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है. एस्मा अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. एस्मा लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है. एस्मा लागू होने के उपरान्त इस आदेश से सम्बन्धित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफ्तार किया जा सकता है.