लखनऊः निजी क्षेत्र के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को टक्कर देने के लिए उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों को बेहतर बनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं. मसलन बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों और बच्चों की प्रतिभा को धार देने के लिए प्रेरणा मैगजीन का प्रकाशन, पैरेंट टीचर मीटिंग, योगा और खेलकूद जैसे कार्यक्रमों को अनिवार्य कर दिया गया है. बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालयों के सुधार का बीड़ा उठाया है. वह खुद अपने स्तर पर इस संबंध में रुचि ले रहे हैं.
प्रेरणा ऐप के बाद प्रेरणा मैगजीन
प्रेरणा ऐप के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग ने एक प्रेरणा मैगजीन शुरू करने जा रहा है. यह पत्रिका मासिक स्तर पर निकाली जाएगी. साथ ही उनकी अतिरिक्त एक्टिविटी को भी समाचार के रूप में, इस पत्रिका में स्थान मिलेगा. जो लोग समाज को आगे ले जाने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं, उनको प्रोत्साहित करने के लिए विभाग उस तरह की घटनाओं को भी इस पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा.
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बेसिक शिक्षा विभाग पहली बार राष्ट्रीय संगोष्ठी करेगा
बेसिक शिक्षा विभाग उस मिथक को तोड़ने जा रहा है, जिसमें कहा जाता रहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में ही संगोष्ठी होती है. प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों और विभागीय अधिकारियों के लिए 22 और 23 दिसंबर को एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी. इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक, विभाग से जुड़े हुए अधिकारी और देश के शिक्षा जगत में योगदान देने वाले शिक्षकों और अन्य बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया जाएगा.
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प्राथमिक स्कूलों में पैरेंट टीचर मीटिंग और वार्षिकोत्सव
बेसिक स्कूलों में पहली बार पैरेंट-टीचर मीटिंग अनिवार्य कर दी गई है. महीने के पहले सोमवार को पैरेंट-टीचर मीटिंग होगी. इसके साथ ही अब हर साल फरवरी माह में प्रत्येक विद्यालय में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाएगा. जनवरी में तीन से 10 जनवरी के बीच अभिव्यक्ति का आयोजन किया जाएगा. अगर बच्चे चित्र बनाने, लेखन करने, भाषण कला में रुचि रखते हैं तो उसे उस तरह का प्लेटफार्म दिया जाएगा. इसके लिए हर साल एक महापुरुष का चयन किया जाएगा. उनके व्यक्तित्व, कृतित्व पर सभी आयोजन, प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी.
नियमित गतिविधियों में सुधार लाने के साथ ही हमने कई नए कदम उठाए हैं, ताकि हमारे विभाग में जो प्रतिभाएं छिपी हुई थी. वह चाहे छात्र-छात्राएं और शिक्षकों की हों निखर कर बाहर आ सके. विभाग की नकारात्मक छवि को समाप्त करने और सकारात्मक छवि बनाने की दिशा में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं.
-सतीश द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री