लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज अपना साढ़े 4 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी उपलब्धियां बताईं. वहीं केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री अलग-अलग जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार की उपलब्धियों को बताने का काम करेंगे. इसके साथ ही पूर्ववर्ती सपा बसपा सरकार से तुलना करते हुए विकास के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे. इस मौके पर सरकार ने एक स्लोगन दिया है 'सोच ईमानदार, काम दमदार, छा गई योगी सरकार, आओ मनाएं विकास उत्सव."
सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर निवेश कानून व्यवस्था सहित तमाम मोर्चों में सरकार सफल रही है. इसके अलावा तमाम मोर्चे पर सरकार की जमकर आलोचना भी हुई. कानपुर के अपराधी विकास दुबे की मुठभेड़ को लेकर सवाल उठे तो कानून व्यवस्था के मोर्चे पर भी सरकार ने लाख दावें किए, लेकिन प्रदेश में आपराधिक घटनाओं ने सरकार की आलोचना भी करावाई. इसके अलावा गन्ना किसानों के बकाए भुगतान को लेकर भी सरकार की किरकिरी हुई.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य क्षेत्र की बात करें तो प्रदेश 59 जिलों में न्यूनतम एक मेडिकल कालेज के निर्माण की बात कही गई है. इसी तरह 16 जिलों में पीपीपी माडल पर मेडिकल कालेजों की स्थापना कराई जा रही है. गोरखपुर, रायबरेली में एम्स का संचालन शुरू कराया गया है. सीएम के गृह जनपद में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्विद्यालय गोरखपुर का निर्माण शुरू हुआ है. इसके अलावा पीएम जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में 6 करोड़ 47 लाख लोगों को बीमा कवर दिया गया है. इसके साथ ही 42.19 लाख लोगों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में बीमा कवर मिला है.
लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्विद्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है. 6 नए सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल ब्लॉक की स्थापना की गई है. गोरखपुर, भदोही में वेटरनरी चिकित्सा विश्विद्यालय का निर्माण चल रहा है. अगर बात प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जाए तो पहली बार प्रदेश में 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का काम जारी है. 8 एयरपोर्ट संचालित, 13 अन्य एयरपोर्ट एवं 7 हवाईपट्टी का विकास कार्य चल रहा है.
एक्सप्रेस वे की बात करें तो 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा होने की स्थिति में है. इसी तरह 297 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण तेजी से चल रहा है. इसी के साथ 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे लिए हुआ. भूमि अधिग्रहण और शिलान्यास की प्रक्रिया जल्द होगी. 91 किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का काम जारी है. इसी प्रकार बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे को भी मंजूरी मिली है.
सड़क निर्माण की बात करें तो योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है. इसके अंतर्गत 14 हजार किमी से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया गया है. 3 लाख पचास हजार किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है. 124 लंबे ब्रिज, 54 रेल फ्लाइओवर के काम पूरे हुए हैं. तहसील मुख्यालयों और ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन सड़क मार्ग से जोड़ने का काम भी जारी है. मेट्रो की बात करें तो 10 महानगर जिनमें नोएडा, लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज एवं झांसी में मेट्रो रेल परियोजना पर काम चल रहा है. इसके अलावा नोएडा में एशिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण प्रस्तावित है और उसके डीपीआर तैयार करने का काम चल रहा है.
निवेश की बात करें तो कोरोना के दौरान 56 हजार करोड़ का विदेशी निवेश हुआ है. किसानों के 2 किये गए कामकाज की बात करें तो 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ के ऋण माफ किया गया है. इसी तरह गन्ना किसानों को 1.44 लाख करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ है. 476 लाख मीट्रिक टन चीनी का रिकर्ड उत्पादन हुआ है, खांडसारी इकाइयों को निशुल्क लाइसेंस दिया गया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्ग दो करोड़ 53 लाख 98 हजार किसानों को 37 हजार करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए हैं.
कानून व्यवस्था के क्षेत्र में किए गए काम की बात करें तो प्रदेश में माफिया राज पर योगी सरकार का बुलडोजर खूब चला है. माफियाओं की अवैध ढंग से अर्जित 1866 रुपये करोड़ से अधिक संपत्तियां जब्त की गई हैं. इसके अलावा 150 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए, 3427 अपराधी घायल और गैंगस्टर एक्ट में 44 हजार 759 अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं तो 630 अभियुक्त रासुका के तहत जेल भेजे गए हैं.
योगी सरकार के साढ़े चार साल का कार्याकाल पूरा होने पर राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि पांच वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश की राजनीति सपा और बसपा में सिमटी थी. एक पार्टी से मतदाता नाराज हुए तो दूसरी को ले आये उससे नाराज हुए तो फिर बदलाव कर दिया. सरकारें बदलती थी. व्यवस्था में बदलाव नहीं होता था. मतलब जन आकांशा पूरी नहीं होती थी, लेकिन विकल्पहीनता की स्थिति थी. साढ़े चार वर्ष पहले मतदाताओं ने विकल्प के रूप में भाजपा को मौका दिया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले व्यवस्था में बदलाव सुधार किया. निवेश व विकास के अनुकूल माहौल बनाया गया. इसके सकारात्मक परिणाम मिलने लगे ह. 42 विकास योजनाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर है. कई योजनाओं में योगी सरकार की उपलब्धि 70 वर्षों पर भारी है. मेडिकल कॉलेज ,एयर पोर्ट निर्मांण में कई गुना वृद्धि हुई. इसी प्रकार सड़क,एक्सप्रेस वे, निर्धन आवास, शौचालय निर्माण आदि के कीर्तिमान कायम हुए. पिछली सरकार के मुकाबले गेहूं धान की खरीद में चार से पांच गुना वृद्धि हुई. किसानों को शतप्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया गया. यूरिया की किल्लत दूर हुई. किसान सम्मान निधि कोरोना काल में पन्द्रह करोड़ लोगों को निशुल्क राशन भरण पोषण भत्ता आदि के भी रिकार्ड बने. कहते हैं कि मैं समझता हूं कि आज के अवसर पर इतना कहना पर्याप्त है.