लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति (Uttar Pradesh Warehousing and Logistics Policy) 2022 को मंजूरी दी गई है. सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में नई प्रौद्योगिकियों के विकास को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर का कारोबारी माहौल सृजित करने हेतु प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के दृष्टिगत यह नीति बनाई गई है. इस नीति के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा. यह नीति अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी होगी. इस नीति की अधिसूचना जारी होने पर उत्तर प्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2018 निरसित हो जाएगी. वर्ष 2018 की नीति के तहत प्रोत्साहनों के सम्बन्ध में अनुमोदित पैकेज वाली परियोजनाएं लाभ प्राप्त करने हेतु उत्तर प्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2018 के अंतर्गत अधिकृत रहेंगी.
उत्तर प्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति (Uttar Pradesh Warehousing and Logistics Policy 2022) का उद्देश्य सुदृढ़ परिवहन अवस्थापना नेटवर्क का सृजन करना, विद्यमान वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर का उन्नयन एवं सुधार करना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने एवं दक्षता में सुधार के लिए राज्य में लॉजिस्टिक्स सेवाओं के एकीकृत विकास को प्रोत्साहित करना, प्रदेश में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास हेतु प्रभावी प्रशासन एवं एकीकृत नियोजन हेतु एक प्रभावी संस्थागत तंत्र स्थापित करना, लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की स्थापना में निजी निवेश को आकर्षित करना है. साथ ही लॉजिस्टिक्स उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कार्यबल की उत्कृष्टता, कौशल सुधार तथा क्षमता वृद्धि को बढ़ावा देना तथा स्मार्ट लॉजिस्टिक्स कार्य प्रणालियों की स्थापना करना है. फ्रंट एंड उपादान के तहत स्टांप ड्यूटी में छूट, भू उपयोग परिवर्तन चार्ज में रियायत, विकास शुल्क में छूट, ग्राउंड कवरेज आदि प्रदान किएं जाएंगे. बैंक एंड के तहत पूंजीगत उपादान, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट, गुणवत्ता प्रमाणन लागत प्रतिपूर्ति एवं कौशल विकास उपादान आदि प्रोत्साहन/रियायतें दी जाएंगी.
इसी तरह मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (Chief Minister Fisheries Estate Scheme) के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के क्रियान्वयन से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को अनुमोदित कर दिया है. मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया है कि योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे. मत्स्य उत्पादन (fish production) में प्रचुर बढ़ोतरी किए जाने तथा मछुआ समुदाय (fishing community) एवं मत्स्य पालकों (fish farmers) की स्थिति में समग्र रूप से गुणात्मक विकास लाए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा 20 मई 2020 से प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लागू की गई है. मत्स्य क्षेत्र से प्रदेश में लगभग 39 लाख मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को आजीविका प्राप्त होती है. इस क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि और मत्स्य पालकों की आर्थिक समृद्धि की अपार सम्भावनाएं हैं. प्रदेश में ग्राम सभा के तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य स्थानीय मछुआरों व पट्टाधारकों द्वारा परम्परागत तरीके से किया जा रहा है. इन तालाबों की वार्षिक मत्स्य उत्पादकता मात्र 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
इसी तरह उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी (Uttar Pradesh Timber) एवं अन्य वन उपज का अभिवहन नियमावली 1978 के सरलीकरण के सम्बन्ध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. मंत्रिपरिषद ने महुआ के फूल, महुआ के बीज, लाख, आंवला के फलों एवं चिरौंजी को उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी और अन्य वन उपज का अभिवहन नियमावली 1978 से मुक्त करने के सम्बन्ध में अधिसूचना निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसी तरह महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, देवरिया (Maharishi Deoraha Baba Autonomous State Medical College, Deoria) में 30 बेडेड ट्रॉमा सेंटर, 20 बेडेड बर्न वॉर्ड एवं 20 बेडेड टॉक्सीकोलॉजी वॉर्ड युक्त भवन के निर्माण की प्रायोजना में उच्च विशिष्टियों के अनुमोदन के सम्बन्ध में प्रस्ताव पास हुआ है. मंत्रिपरिषद ने महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, देवरिया में 30 बेडेड ट्रॉमा सेंटर, 20 बेडेड बर्न वॉर्ड एवं 20 बेडेड टॉक्सीकोलॉजी वॉर्ड युक्त भवन के निर्माण की प्रायोजना में सम्मिलित आवासीय भवनों में मिनरल फाइबर, एकास्टिकल फॉल्स सीलिंग, केन्द्रीय वातानुकूलन (वीआरवी/वीआरएफ सिस्टम), ग्रेनाइट वॉल लाइनिंग एवं मेटल फॉल्स सीलिंग आदि उच्च विशिष्टियों को अनुमोदित कर दिया है.
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