लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैन बसेरों के संचालन के संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगले तीन दिन में रैन बसेरों को संचालित हर हाल में संचालित कर दिया जाए. साथ ही चिकित्सालयों तथा मेडिकल कॉलेजों में भी रैन बसेरों की व्यवस्था की जाए. रैन बसेरों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन सहित सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. रैन बसेरों के संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए. सीएम ने रैन बसेरों में कोविड-19 की जांच की व्यवस्था आवश्यक रूप से किए जाने के निर्देश भी दिए हैं.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रैन बसेरों के संचालन के संबंध में शासन से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव राजस्व ने सभी जिलाधिकारियों एवं मंडल आयुक्तों को शीतलहर से बचाव हेतु रैन बसेरों के संचालन के लिए समस्त तैयारियां 10 नवंबर तक हर हाल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
रैन बसेरों के आसपास हो अलाव जलाने की व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने जारी आदेश में कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति तथा शीतलहर से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए व्यवस्था किए जाने की बात कही है. जारी आदेश में उल्लेख है कि आश्रयहीन व्यक्तियों के लिए रैन-बसेरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इन रैन-बसेरों में रुकने वाले कमजोर वर्ग के लोगों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक सभी उपाय किये जाएं. गद्दे, कंबल, स्वच्छ पेयजल, शौचालय एवं किचन का प्रबंध निशुल्क किया जाए. रैन बसेरों के आसपास अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए.
अधिकारी रैन बसेरों का करेंगे निरीक्षण
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने सीएम के निर्देश पर जारी आदेश में कहा है कि प्रत्येक रैन बसेरे के लिए एक उपयुक्त वरिष्ठता का नोडल अधिकारी नामित किया जाए. जिस पर रैन-बसेरे के संचालन का उत्तरदायित्व होगा. समस्त रैन-बसेरों में केयरटेकर भी तैनात किए जाएंगे. उसका नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर रैन-बसेरों के गेट पर अवश्य लिखा जाए. रात में जिले के वरिष्ठ अधिकारी रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करेंगे. केयरटेकर के पास निरीक्षण रजिस्टर भी रखा जाए. रजिस्टर में निरीक्षण अधिकारियों को टिप्पणी लिखने के भी निर्देश दिए गए हैं.
इसके आलावा अपर मुख्य सचिव राजस्व ने कहा है कि सभी चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेजों, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, श्रमिकों के कार्य स्थलों, बाजारों में अनिवार्य रूप से रैन-बसेरे संचालित किए जाएं. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण का भी सहयोग लेने का निर्देश दिया है.
किसी को फुटपाथ पर नहीं सोना पड़े
जरूरतमंदों को खुले में अथवा फुटपाथ एवं सड़कों के डिवाइडर पर ना सोना पड़े. उन्हें निकट के रैन-बसेरे में रहने की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाए. रैन-बसेरे में समस्त सुविधाएं अच्छी और गुणवत्ता पूर्ण हों. इसकी पूरी रिपोर्ट जिलों को राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर भी दर्ज करनी होगी. इतना ही नहीं आपदा प्रहरी ऐप पर इन सारी व्यवस्थाओं की फोटो अपलोड किया जाना है.