लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में 'विश्व समाज कार्य दिवस' मनाया गया. पूरे विश्वभर के सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा हर साल मार्च के तृतीय मंगलवार को मनाए जाने वाले इस दिवस की इस बार की थीम 'उबन्तु: मैं हूं क्योंकि हम हैं सामाजिक एकजुटता और वैश्विक जुड़ाव का सशक्तिकरण' थी.
इस अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान 'उबन्तु: मैं हूं क्योंकि हम हैं' थीम पर समाज कार्य के विद्यार्थियों के बीच रंगोली, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन और तात्क्षणिक भाषण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. प्रतियोगिताओं का आयोजन समूह और व्यक्तिगत स्पर्धा के तौर पर हुआ. इस दौरान सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिए गए. कार्यक्रम के द्वितीय दिवस 'विश्व समाज कार्य दिवस' को मनाने के साथ साथ पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया.
मुख्य अतिथि पद्मश्री बृजेश कुमार शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज कार्य व्यवसाय समाज की बेहतरी और समाज के विशृंखलन को रोकने का महत्वपूर्ण काम करता है. उन्होंने कहा की 'विश्व समाज कार्य दिवस' की थीम ऋग्वेद के संदेश 'विश्व भवति एकम नीडम' को आगे बढ़ती है और विश्वबंधुत्व के विश्वदर्शन को मजबूती हेतु है.
सम्मानित अतिथि सोशल कंसल्टेन्सी सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सरफ अब्बास खान ने कहा कि समाज कार्य एक बेहद ही महत्वपूर्ण व्यवसाय है, जिसमें बहुत प्रकार के बहुत अवसर हैं. उन्होंने कहा कि समाज कार्य द्वारा सिखाई जाने वाली दक्षताएं व्यावसायिक दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि समाज कार्य के क्षेत्र में व्यवसाय के अवसरों को देख रहे युवाओं को अपनी रिपोर्ट लिखने की क्षमता और प्रस्तुति की क्षमता पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.
आज के दिवस की महत्ता को बताते हुए समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष ने सभी को बताया कि 1983 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ सोशल वर्कर के प्रयासों से इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई. उन्होंने कहा कि यह दिवस पूरे विश्व में फैले सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मनाया जाता है.