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अति कुपोषित बच्चों के लिए वरदान बना ‘पोषण पुनर्वास केंद्र’, अब तक 100 बच्चे हुए स्वस्थ - Nutrition Rehabilitation Center

वाराणसी में अति कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र वरदान बन चुका है. यहां करीब 100 बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया जा चुका है.

अति कुपोषित बच्चों के लिए वरदान बना ‘पोषण पुनर्वास केंद्र
अति कुपोषित बच्चों के लिए वरदान बना ‘पोषण पुनर्वास केंद्र (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 1:54 PM IST

वाराणसी : पड़ाव के मुश्ताक के एक साल तीन माह के पुत्र को 28 अगस्त को अति कुपोषित होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भर्ती किया गया. उस समय बच्चे का वजन 5 किलो 185 ग्राम था. कुपोषित होने के कारण भूख में कमी होने लगी थी. समस्त जांच की गई और उपचार शुरू किया गया. प्रोटीन व विटामिन युक्त पोषण आहार भी दिया गया. 14 दिन तक उपचार किया गया, जिसमें बच्चे का 700 ग्राम बढ़ गया. पूरी तरह से स्वस्थ होकर 5 किलो 900 ग्राम के साथ बच्चा डिस्चार्ज हुआ.

इसी तरह वहीं काशी विद्यापीठ ब्लॉक निवासी राजकुमार की एक साल चार माह की बेटी अतिकुपोषित (सैम) श्रेणी में थी, जिसे 28 अगस्त को एनआरसी में भर्ती कराया गया. भर्ती के समय बच्ची का वजन 5 किलो 380 ग्राम था. समस्त जांच के बाद 14 तक उपचार व पोषण आहार दिया गया. इस दौरान बच्ची का एक किलो से अधिक वजन बढ़ा. डिस्चार्ज के समय बच्ची का वजन 6 किलो 430 ग्राम था और पूरी तरह से स्वस्थ है.

ये सिर्फ इन्हीं दो बच्चों की कहानी नहीं है, बल्कि इसी तरह अनेकों बच्चे डीडीयू राजकीय चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र से स्वास्थ्य लाभ पा चुके हैं.इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में आरबीएसके टीम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से भर्ती कराकर इनका इलाज़ किया जाता है.

वरदान बना पोषण केंद्र : इस बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि,पोषण पुनर्वास केंद्र एक ऐसी सुविधा है, जहां से जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जाती हैं. 10 बेड युक्त एनआरसी में 14 दिन तक बच्चों का इलाज व पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है. बच्चों को दिन रात उपचार और पोषण आहार का ध्यान रखा जाता है.

अब तक 100 बच्चे हुए ठीक : बताया कि इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 122 बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें करीब 100 बच्चों का उपचार पूरा कर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. इस माह अब तक 16 बच्चों को भर्ती किया जा चुका है. डॉ. सौरभ ने बताया कि डिस्चार्ज होने के बाद भी बच्चों का चार बार फॉलोअप किया जाता है. इस दौरान अभिभावक को निर्धारित भत्ता भी दिया है.

मिलते हैं सूक्ष्म पोषक तत्व : एनआरसी की डायटीशियन विदिशा शर्मा ने बताया कि वार्ड में सैम बच्चों को कम से कम 14 दिन या अधिकतम 21 दिन तक भर्ती करके निःशुल्क उपचार किया जाता है. उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है. जैसे दूध से बना हुआ अन्नाहार, खिचड़ी व एफ-100 एवं प्रारम्भिक दुग्धाहार - एफ़ 75, दलिया, हलवा, फल इत्यादि के साथ में दवा एवं सूक्ष्म पोषण तत्व जैसे आयरन, विटामिन ए, जिंक, मल्टी विटामिन आदि भी दिए जाते हैं.

यह भी पढ़ें : आगरा से बनारस के लिए दौड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस; 551 किमी की दूरी तय करेगी 7 घंटे में, जानिए किराया और ठहराव - Agra to Banaras Vande Bharat

वाराणसी : पड़ाव के मुश्ताक के एक साल तीन माह के पुत्र को 28 अगस्त को अति कुपोषित होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भर्ती किया गया. उस समय बच्चे का वजन 5 किलो 185 ग्राम था. कुपोषित होने के कारण भूख में कमी होने लगी थी. समस्त जांच की गई और उपचार शुरू किया गया. प्रोटीन व विटामिन युक्त पोषण आहार भी दिया गया. 14 दिन तक उपचार किया गया, जिसमें बच्चे का 700 ग्राम बढ़ गया. पूरी तरह से स्वस्थ होकर 5 किलो 900 ग्राम के साथ बच्चा डिस्चार्ज हुआ.

इसी तरह वहीं काशी विद्यापीठ ब्लॉक निवासी राजकुमार की एक साल चार माह की बेटी अतिकुपोषित (सैम) श्रेणी में थी, जिसे 28 अगस्त को एनआरसी में भर्ती कराया गया. भर्ती के समय बच्ची का वजन 5 किलो 380 ग्राम था. समस्त जांच के बाद 14 तक उपचार व पोषण आहार दिया गया. इस दौरान बच्ची का एक किलो से अधिक वजन बढ़ा. डिस्चार्ज के समय बच्ची का वजन 6 किलो 430 ग्राम था और पूरी तरह से स्वस्थ है.

ये सिर्फ इन्हीं दो बच्चों की कहानी नहीं है, बल्कि इसी तरह अनेकों बच्चे डीडीयू राजकीय चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र से स्वास्थ्य लाभ पा चुके हैं.इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में आरबीएसके टीम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से भर्ती कराकर इनका इलाज़ किया जाता है.

वरदान बना पोषण केंद्र : इस बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि,पोषण पुनर्वास केंद्र एक ऐसी सुविधा है, जहां से जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जाती हैं. 10 बेड युक्त एनआरसी में 14 दिन तक बच्चों का इलाज व पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है. बच्चों को दिन रात उपचार और पोषण आहार का ध्यान रखा जाता है.

अब तक 100 बच्चे हुए ठीक : बताया कि इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 122 बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें करीब 100 बच्चों का उपचार पूरा कर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. इस माह अब तक 16 बच्चों को भर्ती किया जा चुका है. डॉ. सौरभ ने बताया कि डिस्चार्ज होने के बाद भी बच्चों का चार बार फॉलोअप किया जाता है. इस दौरान अभिभावक को निर्धारित भत्ता भी दिया है.

मिलते हैं सूक्ष्म पोषक तत्व : एनआरसी की डायटीशियन विदिशा शर्मा ने बताया कि वार्ड में सैम बच्चों को कम से कम 14 दिन या अधिकतम 21 दिन तक भर्ती करके निःशुल्क उपचार किया जाता है. उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है. जैसे दूध से बना हुआ अन्नाहार, खिचड़ी व एफ-100 एवं प्रारम्भिक दुग्धाहार - एफ़ 75, दलिया, हलवा, फल इत्यादि के साथ में दवा एवं सूक्ष्म पोषण तत्व जैसे आयरन, विटामिन ए, जिंक, मल्टी विटामिन आदि भी दिए जाते हैं.

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