ETV Bharat / state

चिकित्सक बोले, बच्चों से मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए बड़ों को प्रस्तुत करना होगा उदाहरण

राजधानी में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में "जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियों के बचाव व उपचार" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : May 5, 2023, 12:17 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के डायटेटिक्स विभाग द्वारा 3 मई को जनजागरूकता अभियान के अंतर्गत डाॅ एल. के भारती के मार्गदर्शन में ओपीडी रोगी प्रतीक्षालय में "जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियों के बचाव व उपचार" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसके अंतर्गत स्क्रीन-टाइम के नुकसान तथा स्क्रीन-टाइम को कम कैसे करें, डायबटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्राल, डिसलिपिडिमिया, मोटापा इत्यादि बीमारियों के बचाव के लिए सही आहार, व्यायाम व जीवन शैली में बदलाव के बारे में बताया गया.

कार्यशाला में संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धीराज, सीनियर फिजीशियन, डाॅ. प्रेरणा कपूर भी उपस्थित थे. इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर धीराज ने कहा कि 'हमें स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली को अपनाना चाहिए. उन्होंने जनसामान्य के लिए जीवन शैली व संतुलित आहार पर इस तरह की कार्यशाला व सेमिनार को समय-समय पर आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया. डा. प्रेरणा कपूर ने जीवनशैली में बदलाव करने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिये जनसामान्य को जागरूक किया.

इस कार्यशाला में प्रो. एल के भारती ने बताया कि 'दो साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल बिल्कुल नहीं इस्तेमाल करने देना चाहिए, इससे उनके मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने बताया कि इंडियन अकैडमी ऑफ पीडिआट्रिक्स के अनुसार दो साल की उम्र के ऊपर अधिकतम 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन-टाइम नहीं होना चाहिए, जिसमें मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर गेम्स खेलना सभी सम्मिलित है. स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए घर के बड़े सदस्यों को स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करना होगा.'


इस अवसर पर बीमारियों से बचने के लिए जीवन शैली में आवश्यक बदलाव और संतुलित आहार के विषय पर डायटेटिक्स इंटेंन द्वारा बनाये गये पोस्टर भी प्रदर्शित किये गये. कार्यशाला में 200 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया. कार्यशाला में विशेषज्ञ के तौर पर प्रो. सुशील गुप्ता (एण्डोक्राइनोलॉजी) व प्रो. प्रीति दबड़गाव (एण्डोक्राइनोलॉजी) भी उपस्थित रहे, जिन्होंने डायबिटीज एवं उससे होने वाली बीमारियों व बचाव के बारे में व्याख्यान दिया. डायटेटिक्स कार्यशाला में इन्टेंन शिवांगी, रिचा, स्वेच्छा, रुखसार, रुचि, शिखा, प्रीति मांगलिक, शाजिया, ज्योति, आयुशी व प्रतिभा यादव ने सक्रिय रूप से भाग लिया.

यह भी पढ़ें : बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की अब गंभीरता से होगी सुनवाई, पक्ष रखने का मिलेगा मौका

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के डायटेटिक्स विभाग द्वारा 3 मई को जनजागरूकता अभियान के अंतर्गत डाॅ एल. के भारती के मार्गदर्शन में ओपीडी रोगी प्रतीक्षालय में "जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियों के बचाव व उपचार" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसके अंतर्गत स्क्रीन-टाइम के नुकसान तथा स्क्रीन-टाइम को कम कैसे करें, डायबटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्राल, डिसलिपिडिमिया, मोटापा इत्यादि बीमारियों के बचाव के लिए सही आहार, व्यायाम व जीवन शैली में बदलाव के बारे में बताया गया.

कार्यशाला में संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धीराज, सीनियर फिजीशियन, डाॅ. प्रेरणा कपूर भी उपस्थित थे. इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर धीराज ने कहा कि 'हमें स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली को अपनाना चाहिए. उन्होंने जनसामान्य के लिए जीवन शैली व संतुलित आहार पर इस तरह की कार्यशाला व सेमिनार को समय-समय पर आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया. डा. प्रेरणा कपूर ने जीवनशैली में बदलाव करने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिये जनसामान्य को जागरूक किया.

इस कार्यशाला में प्रो. एल के भारती ने बताया कि 'दो साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल बिल्कुल नहीं इस्तेमाल करने देना चाहिए, इससे उनके मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने बताया कि इंडियन अकैडमी ऑफ पीडिआट्रिक्स के अनुसार दो साल की उम्र के ऊपर अधिकतम 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन-टाइम नहीं होना चाहिए, जिसमें मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर गेम्स खेलना सभी सम्मिलित है. स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए घर के बड़े सदस्यों को स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करना होगा.'


इस अवसर पर बीमारियों से बचने के लिए जीवन शैली में आवश्यक बदलाव और संतुलित आहार के विषय पर डायटेटिक्स इंटेंन द्वारा बनाये गये पोस्टर भी प्रदर्शित किये गये. कार्यशाला में 200 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया. कार्यशाला में विशेषज्ञ के तौर पर प्रो. सुशील गुप्ता (एण्डोक्राइनोलॉजी) व प्रो. प्रीति दबड़गाव (एण्डोक्राइनोलॉजी) भी उपस्थित रहे, जिन्होंने डायबिटीज एवं उससे होने वाली बीमारियों व बचाव के बारे में व्याख्यान दिया. डायटेटिक्स कार्यशाला में इन्टेंन शिवांगी, रिचा, स्वेच्छा, रुखसार, रुचि, शिखा, प्रीति मांगलिक, शाजिया, ज्योति, आयुशी व प्रतिभा यादव ने सक्रिय रूप से भाग लिया.

यह भी पढ़ें : बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की अब गंभीरता से होगी सुनवाई, पक्ष रखने का मिलेगा मौका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.