लखनऊ: कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर भले ही चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी पर नकेल कसी हो, लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फिलहाल इसका असर नजर नहीं आ रहा है. शुक्रवार को जहां बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने वाले तमाम नेताओं के साथ अखिलेश यादव ने मंच साझा किया और बड़ी संख्या में प्रदेशभर से कार्यकर्ता जुटे तो शनिवार को भी पार्टी कार्यालय के अंदर का हाल पहले की ही तरह रहा. प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंचे और फिर कोविड नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ.
जहां पार्टी कार्यालय के अंदर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश यादव लगातार नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील कर रहे थे कि पार्टी कार्यालय के अंदर आने पर चुनाव आयोग की तरफ से कोविड को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पूरा पालन करें. सोशल डिस्टेंसिंग रखें और मास्क जरूर पहनें. हालांकि यह अपील करते वक्त अखिलेश भी मास्क नहीं लगाए हुए थे. अखिलेश गाइडलाइन का पालन करने का अनुरोध कर रहे थे तो कार्यालय के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का खूब मजाक उड़ा. गिने-चुने कार्यकर्ता ही मास्क लगाए हुए नजर आ रहे थे. बाकी बिना मास्क के ही कोरोना का प्रसार करने में अपना योगदान देते नजर आए. इन कार्यकर्ताओं में सिर्फ पुरुष ही हों, ऐसा बिल्कुल नहीं. अखिलेश से मिलने के लिए बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी मौजूद थीं और वह भी एक-दूसरे से बिल्कुल चिपककर खड़ी थीं. महिलाएं भी मास्क लगाए हुए कम ही नजर आईं. सुबह से ही पुलिसकर्मी लगातार प्रदेश कार्यालय पर जुट रहे कार्यकर्ताओं की भीड़ को लेकर अनाउंस कर रहे थे कि कोविड-19 पालन करें, मास्क जरूर पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें, ऐसा नहीं करते हैं तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कार्यकर्ता अपने ही रंग में दिखे.
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर जुटी भीड़ का शुक्रवार को ही चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था और इसके बाद देर शाम पार्टी को नोटिस थमाकर जवाब भी मांग लिया था. इस मामले में कार्रवाई भी की गई थी और कई पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया था. अब भारत निर्वाचन आयोग ने भी शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जवाब-तलब किया है.
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