लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्थानांतरण के विरोध को लेकर स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की हड़ताल जारी है. ऐसे में जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का ब्योरा ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते प्रसूताओं का भुगतान फंसा हुआ है.
दरअसल स्वास्थ्य विभाग में हाल में लिपिक श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं. इनके विरोध में तीन दिन से स्वास्थ्य विभाग के बाबू हड़ताल कर रहे हैं. इसके चलते स्वास्थ्य केंद्र, सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत मेडिकल कॉलेज में कार्य प्रभावित रहा. इसके चलते चिकित्सा प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, मेडिकोलीगल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग भटकते रहे. वहीं जननी सुरक्षा योजना का भुगतान भी पूरे प्रदेश में बाधित रहा. इसके अलावा जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद-फरोख्त की फंसी रही.
यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि स्थानांतरण के नाम पर कर्मियों का शोषण स्वीकार नहीं किया जाएगा. स्थानांतरण में मानकों को ध्यान पर नहीं रखा गया, जब तक स्थानांतरण सूची निरस्त नहीं की जाती है, आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन को समर्थन दिया. परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ ट्रांसफर में अन्याय हुआ है.
स्वास्थ्य विभाग में बाबुओं का स्थानांतरण, हड़ताल पर कर्मी
उत्तर प्रदेश में तीसरे दिन भी यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन (UP Medical and Public Health Ministerial Association) का धरना जारी रहा. ऐसे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, जिला चिकित्सालय के कार्यालयों में कार्य बाधित रहा.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्थानांतरण के विरोध को लेकर स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की हड़ताल जारी है. ऐसे में जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का ब्योरा ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते प्रसूताओं का भुगतान फंसा हुआ है.
दरअसल स्वास्थ्य विभाग में हाल में लिपिक श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं. इनके विरोध में तीन दिन से स्वास्थ्य विभाग के बाबू हड़ताल कर रहे हैं. इसके चलते स्वास्थ्य केंद्र, सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत मेडिकल कॉलेज में कार्य प्रभावित रहा. इसके चलते चिकित्सा प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, मेडिकोलीगल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग भटकते रहे. वहीं जननी सुरक्षा योजना का भुगतान भी पूरे प्रदेश में बाधित रहा. इसके अलावा जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद-फरोख्त की फंसी रही.
यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि स्थानांतरण के नाम पर कर्मियों का शोषण स्वीकार नहीं किया जाएगा. स्थानांतरण में मानकों को ध्यान पर नहीं रखा गया, जब तक स्थानांतरण सूची निरस्त नहीं की जाती है, आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन को समर्थन दिया. परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ ट्रांसफर में अन्याय हुआ है.