लखनऊ: एयरपोर्ट पर विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है. इसके अंतर्गत एयरपोर्ट अथॉरिटी अपनी खाली पड़ी जमीनों पर बाउंड्री वॉल बनाकर उसे अपने कब्जे में ले रहा है. वहीं इस जमीन पर वर्षों से खेती करते चले आ रहे किसानों से जब भूमि खाली कराई गई तो किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि जमीन पर हम लोग 50 वर्ष से खेती करते चले आ रहे हैं, इसलिए यह जमीन लेने से पहले हम लोगों को जमीन के बदले मुआवजा दें.
रहीमाबाद गांव के किसानों का कहना है कि हम लोगों को इस जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. अधिकारियों का कहना है कि हमने आपके बाप-दादाओं को मुआवजा दिया है. ग्रामीणों ने कहा कि इसका कोई भी कागज हम लोगों को नहीं दिखाते हैं. हम लोग लगभग 50 वर्षों से इस जमीन पर खेती करते चले आ रहे हैं. हमारे पास भरण पोषण का दूसरा कोई साधन नहीं है. केवल यही खेती की जमीन है, जिससे हम लोग अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.
किसानों ने एयरपोर्ट प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना किसी नोटिस दिए और बिना कोई मुआवजा दिए हम लोगों की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है. हम लोग एयरपोर्ट प्रशासन की तानाशाही का कड़ा विरोध करते हैं. गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर काम कर रहे मजदूरों को खदेड़ दिया और साइट ऑफिस मैं टेंपरेरी बने टीन शेड को गिरा दिया.
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मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया. हंगामे की खबर पाकर पहुंचे एयरपोर्ट लैंड मैनेजमेंट अधिकारी गौरव सक्सेना ने मौजूद किसानों को समझाया कि जमीन आजादी से दो-तीन वर्ष पहले ही एक्वायर की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि अथॉरिटी ने किसानों को यह जमीन खेती करने के लिए दी थी, लेकिन वहां मौजूद किसान उनकी इस बात से सहमत नहीं दिखे.