लखनऊ: करीब एक महीने से चल रहे लॉकडाउन के बीच में सचिवालय प्रशासन के अंतर्गत शासन स्तर पर कामकाज शुरू हो गया है. विभागों से अब फाइलों की आवाजाही शुरू हो गई है, जिसके बाद फाइलें इधर से उधर दौड़ती हुई नजर आ रही हैं. वहीं इसके बाद अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपने कामकाज में मशगूल नजर आए.
शासन स्तर पर तमाम कार्यालयों में करीब 3000 कर्मचारी आना शुरू कर दिया है. इस दौरान बुखार के लक्षण हों, ऐसे लोग कार्यालयों में प्रवेश न कर पाएं, इसका भी ध्यान रखने की व्यवस्था की गई है. सभी प्रवेश द्वारों पर बुखार जांचने के उद्देश्य से थर्मल स्कैनिंग के साथ ही कई जगहों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई है.
सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ने बताया कि हम लोग यहां आने वाले हर कर्मचारी, अधिकारी के थर्मल स्कैनिंग करते हैं. अगर किसी में बुखार के लक्षण नजर आते हैं तो हम उन्हें वापस भी कर रहे हैं. जैसे कोई फीवर वाला व्यक्ति अंदर प्रवेश न कर पाए, इसके लिए जांच की व्यवस्था कराई गई है.
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यूपी सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा ने बताया कि सचिवालय के सारे भवनों के अंतर्गत लोक भवन से लेकर योजना भवन, नवीन भवन, मुख्य भवन में कम से कम 3000 कर्मचारी आए हैं. इस हिसाब से अगर देखा जाए तो लॉकडाउन व्यवस्था है, उसे मैं मानता हूं कि वह धराशाई हो रही है. सरकार को इतनी जल्दी नहीं करनी चाहिए थी. जो ऐसे अनुभाग और विभाग थे, जहां से काम महत्वपूर्ण कार्य जिनकी जरूरत थी वे पहले से ही खुल रहे थे, लेकिन अब ऐसे अनुभागों और विभागों को खोल दिया गया है, जिनकी अभी कोई जरूरत नहीं है. सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए.
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राज्य सरकार के तमाम वरिष्ठ मंत्री अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठे और फाइलों का निस्तारण करते हुए नजर आए और कामकाज को आगे बढ़ाते हुए नजर आए. सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के जय प्रताप सिंह भी अपने कार्यालय में बैठकर फाइलों का निस्तारण करते दिखे.
स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप यादव ने बताया कि सचिवालय के कामकाज कुछ प्रारंभ हो गया था. मंत्री लोग भी पहले से बैठना शुरू कर दिए थे. हम लोग कुछ घंटों के लिए आते थे लेकिन सोमवार से नियमित रूप से सचिवालय का कामकाज शुरू हो गया है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग का काम पहले से ही 24 घंटे का चल रहा था. इस महामारी से लड़ने में हमारा तो विस्तार हुआ है और काम का पूरा समय अब यहां बैठकर दे रहे हैं.