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श्मशान घाटों पर लकड़ी खत्म, अंतिम संस्कार के लिए खुद व्यवस्था कर रहे परिजन - trouble for funeral in lucknow

राजधानी लखनऊ के बैकुंठ धाम पर लकड़ी भी खत्म हो गई है. जिसकी वजह से अंतिम संस्कार करने पहुंचे परिजनों को लकड़ी की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ रही है.

लकड़ी.
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Published : Apr 14, 2021, 4:51 PM IST

लखनऊः राजधानी में नगर निगम की लापरवाही के कारण लगातार बैकुंठ धाम पर परिजनों का अंतिम संस्कार कराने पहुंच रहे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हद तो तब हो गई जब बैकुंठ धाम पर लकड़ी भी खत्म हो गई. इसके बाद अंतिम संस्कार करने पहुंचे परिजनों को लकड़ी की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ रही है. स्थानीय लोग इसे नगर निगम की लापरवाही मान रहे हैं. वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि लकड़ियों के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

सीतापुर से मंगानी पड़ी लकड़ी
राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड घाट, गुलाला घाट और बैकुंठ धाम पर लगातार लकड़ी की कमी की शिकायतें आ रही हैं. एक दिन पूर्व लखनऊ नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने इन घाटों का निरीक्षण करने के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारियों को लकड़ी आपूर्ति करने का निर्देश दिया था. स्थिति की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ में लकड़ी न मिलने के कारण पड़ोसी जनपद सीतापुर से मंगाया गया. लेकिन लगातार बढ़ रहे अंतिम संस्कार के कारण घाटों पर लकड़ियों की भारी कमी हो गई है. यही कारण है कि लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ रही है.

अस्पतालों में बेड न वेंटीलेटर
राजधानी लखनऊ में लगातार बढ़ रहे संक्रमण से भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों में न ही मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड हैं और न ही वेंटिलेटर हैं. इसके अलावा मरीजों को एंबुलेंस भी नहीं मिल रही है. जिसके कारण बड़ी संख्या में मरीज रोज दम तोड़ रहे हैं. जिसके कारण लखनऊ के श्मशान घाटों पर लगातार दाह संस्कार के लिए बड़ी संख्या में शव आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें-कोविड जांच के लिए यूपी में 12 नई प्रयोगशालाएं होंगी शुरू

राजधानी के श्मशान घाटों पर लकड़ियों के इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं. अब किसी भी परिजन को लकड़ियों के लिए नहीं भटकना पड़ेगा.
-अजय द्विवेदी, नगर आयुक्त

लखनऊः राजधानी में नगर निगम की लापरवाही के कारण लगातार बैकुंठ धाम पर परिजनों का अंतिम संस्कार कराने पहुंच रहे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हद तो तब हो गई जब बैकुंठ धाम पर लकड़ी भी खत्म हो गई. इसके बाद अंतिम संस्कार करने पहुंचे परिजनों को लकड़ी की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ रही है. स्थानीय लोग इसे नगर निगम की लापरवाही मान रहे हैं. वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि लकड़ियों के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

सीतापुर से मंगानी पड़ी लकड़ी
राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड घाट, गुलाला घाट और बैकुंठ धाम पर लगातार लकड़ी की कमी की शिकायतें आ रही हैं. एक दिन पूर्व लखनऊ नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने इन घाटों का निरीक्षण करने के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारियों को लकड़ी आपूर्ति करने का निर्देश दिया था. स्थिति की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ में लकड़ी न मिलने के कारण पड़ोसी जनपद सीतापुर से मंगाया गया. लेकिन लगातार बढ़ रहे अंतिम संस्कार के कारण घाटों पर लकड़ियों की भारी कमी हो गई है. यही कारण है कि लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ रही है.

अस्पतालों में बेड न वेंटीलेटर
राजधानी लखनऊ में लगातार बढ़ रहे संक्रमण से भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों में न ही मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड हैं और न ही वेंटिलेटर हैं. इसके अलावा मरीजों को एंबुलेंस भी नहीं मिल रही है. जिसके कारण बड़ी संख्या में मरीज रोज दम तोड़ रहे हैं. जिसके कारण लखनऊ के श्मशान घाटों पर लगातार दाह संस्कार के लिए बड़ी संख्या में शव आ रहे हैं.

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राजधानी के श्मशान घाटों पर लकड़ियों के इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं. अब किसी भी परिजन को लकड़ियों के लिए नहीं भटकना पड़ेगा.
-अजय द्विवेदी, नगर आयुक्त

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