लखनऊ: सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लखनऊ में 66 दिन से महिलाओं का धरना चल रहा था. कोरोना की वजह से महिलाओं का धरना स्थगित हो गया है. धरना स्थगित होते ही जिला प्रशासन की ओर से धरनास्थल और घंटा घर के आस-पास साफ-सफाई का ख्याल रखते हुए सैनिटाइजेशन का काम किया गया.
22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू का एलान किया गया था. ताजा स्तिथि को देखते हुए यूपी के 16 जिले लॉकडाउन कर दिए गए हैं, जिसको चलते CAA, NRC और NPR का विरोध कर रही घंटा घर पर महिलाओं ने अपना धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है. इसके बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. धरना प्रदर्शन स्थगित होते ही जिला प्रशासन की ओर से सफाई कर्मचारियों की टीम ने विशेष सतर्कता भरते हुए धरना स्थल और उसके आस-पास पानी से धुलाई की. साथ ही सैनिटाइजेशन और मॉपिंग का कार्य किया.
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गौरतलब है कि देश के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने सख्ती से कदम उठाते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ सभी प्रकार के धरना प्रदर्शनों पर भी रोक लगा दी थी. इसके बाद भी घंटा घर पर महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी था. पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू और उसके बाद लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए धरना प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने अपने धरना प्रदर्शन को फिलहाल स्थगित करने का फैसला लिया है.