लख़नऊः शहरवासियों को हाईटेक इलेक्ट्रिक बसों का शानदार तोहफा देने के बाद अब लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (LCTSL) इन इलेक्ट्रिक बसों में आधी आबादी को भी महत्व देने की तैयारी कर रहा है. इसके पीछे उद्देश्य यह है कि नई अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बसों में महिलाओं को सुरक्षित सफर का अहसास हो सके. इसके लिए इलेक्ट्रिक बसों में महिला चालक और परिचालक की तैनाती की जाएगी. लखनऊ के कमिश्नर रंजन कुमार इसकी योजना बना रहे हैं. उनका कहना है कि जल्द ही मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) पर हस्ताक्षर होंगे. इसके बाद महिलाओं को प्रशिक्षण देकर बसों में तैनात कर दिया जाएगा.
अभी तक रोडवेज और सिटी बसों में ड्राइविंग सीट पर पुरुष ही नजर आते हैं. जल्द ही लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की इलेक्ट्रिक बसों की ड्राइविंग सीट पर महिलाएं भी नजर आएंगीं. साथ ही वह कडंक्टर का जिम्मा भी संभालेंगी. इसके लिए लखनऊ के कमिश्नर पूरा प्लान तैयार कर रहे हैं. महिला ड्राइवरों की ट्रेनिंग से लेकर बस की स्टीयरिंग संभालने तक की टेस्टिंग तक का पूरा खाका खींचा जा रहा है. जल्द ही इस संबंध में ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से एक मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया जाएगा.
लखनऊ में कुल 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होना है. इनमें से 60 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन मंगलवार से शुरू भी हो गया है. अभी इन बसों में पुरुष ड्राइवर और कंडक्टर ही तैनात हैं. मंगलवार को जब लखनऊ कमिश्नर रंजन कुमार ने इलेक्ट्रिक बस से सफर किया तो उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों की तकनीक देखकर इन बसों की कमान महिला ड्राइवर और कंडक्टर के हाथ सौंपने की बात लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के एमडी पल्लव कुमार बोस से कही. इसके लिए जल्द ही एमओयू साइन कर आगे की प्रक्रिया शुरू कराने का प्लान तैयार करने को कहा.
गौरतलब है कि रोडवेज की पिंक बसों के साथ ही साधारण बसों में महिला कंडक्टर हाथ में इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (ईटीएम) लेकर टिकट बनाते हुए तो नजर आ जाती हैं, लेकिन ड्राइवर सीट पर महिला को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने जब महिला स्पेशल पिंक बस का संचालन शुरू किया था तो इन बसों पर महिला ड्राइवरों की तैनाती की थी. हालांकि शुरुआत में काफी कम संख्या में महिलाओं ने दिलचस्पी ली लेकिन कुछ महिलाओं ने पिंक बसों की स्टीयरिंग भी संभाल ली और वह ड्राइवर बन गईं. अब कई पिंक बसों को महिला ड्राइवरों ही चला रहीं हैं.
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इस बारे में कमिश्नर रंजन कुमार का कहना है कि बहुत जल्द ही एक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरु करने जा रहे हैं. दो से तीन दिनों में इसका एमओयू एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से होगा. इसमें महिलाओं की इकोनॉमिक सफर में और बाकी सफर में भागीदारी बढ़ाने के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चालू किया जा रहे हैं. महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी. प्लान कर रहे हैं कि वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी इंटीग्रेट हों.