लखनऊ: मंगलवार को घंटाघर पर सीएए के विरोध में धरने में मौजूद महिलाओं ने प्रतीकात्मक हिरासत केंद्र बनाकर अनोखे अंदाज में अपना विरोध जताया. यह विरोध घंटाघर पर पिछले 40 दिनों से CAA, NRC, NPR के खिलाफ जारी है. खुले आसमान के नीचे 17 जनवरी से बैठी महिलाएं दिन-रात नारे लगाकर नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रही हैं.
राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक इमारत हुसैनाबाद घंटाघर पर महिलाएं अपने बच्चों के साथ पिछले 40 दिनों से CAA, NRC, NPR के खिलाफ धरना दे रही हैं. घंटाघर पर महिलाओं ने प्रदर्शन करने के कई तरीके अख्तियार किए हैं. कभी महिलाएं उपवास रखकर तो कभी महिलाएं जमीन पर CAA, NRC के खिलाफ लिखकर अपना विरोध जताती नजर आई हैं. मंगलवार को महिलाओं ने धरना प्रदर्शन के 40वें दिन प्रतीकात्मक डिटेंशन सेंटर बनाकर अपना विरोध दर्ज कराया.
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महिलाओं ने अपने आप को प्रतीकात्मक डिटेंशन सेंटर में बंदकर सरकार से नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की मांग की. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के अलावा अन्य धर्म की महिलाओं ने हिरासत केंद्र में खड़े होकर अपना विरोध दर्ज कराया और जमकर नारे लगाए. पुराने लखनऊ स्तिथ घंटाघर के अलावा लखनऊ के गोमतीनगर स्तिथ उजरियांव में भी महिलाओं का शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन जारी है. घंटाघर धरने के दो दिन बाद से ही उजरियांव में काफी महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठ गईं थीं.