लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी कांग्रेस मुख्यालय पर सोमवार को बैठक करने पहुंचीं. जब बैठक खत्म हुई तो वह अपनी गाड़ी से कौल हाउस के लिए कांग्रेस कार्यालय से रवाना होने वाली ही थीं कि अचानक एक महिला रोते बिलखते हुए प्रियंका की गाड़ी के आगे खड़ी हो गई. उसने गाड़ी रोक ली. इसके बाद वहां पर हड़कंप मच गया. प्रियंका ने महिला को रोता देख अपने पास बुलाया और उसकी आपबीती सुनी. मामला गंभीर होने पर प्रियंका गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को तत्काल निर्देशित किया कि पीड़िता को लेकर कौल हाउस आइए. इसके बाद अब प्रदेश अध्यक्ष पीड़िता को मिलाने कौल हाउस रवाना हुए हैं.
यहां पर पीड़िता ने प्रियंका गांधी को उसके साथ गुजरी पूरी कहानी सुनाई. प्रियंका भी पीड़ित महिला की व्यथा सुनकर हैरान रह गईं और उन्होंने कहा कि हरहाल में न्याय दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा. प्रियंका से मुलाकात के बाद जब कौल हाउस से पीड़ित महिला बाहर निकली तो उसने कहा कि अब उसे न्याय मिल सकता है. पीड़ित महिला की 4 साल की मासूम बच्ची भी है.
इटावा की पीड़ित महिला अपनी चार साल की बच्ची के साथ राजधानी के कांग्रेस मुख्यालय पर न्याय की आस में प्रियंका गांधी से मिलने पहुंची थी. उसे पूरी उम्मीद है कि प्रियंका गांधी उसकी बात जरूर सुनेंगी और उसे न्याय दिलाएंगी. महिला का कहना है कि जब वह मुख्यमंत्री के जनता दरबार में न्याय की उम्मीद लेकर पहुंची थी तो वहां से उसे नाउम्मीदी हासिल हुई, इसलिए वह प्रियंका गांधी से मिलने पहुंची है.
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पुलिसकर्मियों ने महिला के साथ की गलत हरकतें
पीड़िता ने बताया कि जुलाई महीने में वह इटावा से शाहजहांपुर एक निजी अस्पताल में नौकरी करने गई थी. वहां पर पवन नाम के एक पुलिसकर्मी ने उसे कमरा दिलाया. पीड़िता का आरोप है कि उसे कमरे में कैद कर दिया गया और 5 पुलिसकर्मियों ने उसके साथ गलत हरकत की. इसके बाद करीब 5 महीने तक उसे बंधक बनाकर रखा गया और उसकी 4 साल की बच्ची के साथ भी गलत हरकतें की गई. किसी तरह मौका पाकर वह वहां से भाग निकली. महिला ने शाहजहांपुर के एसपी से मामले की शिकायत की, लेकिन न्याय देने के बजाय पुलिस की छवि धूमिल न हो इसलिए एसपी ने पवन नाम के सिपाही से उसकी जबरन दूसरी शादी करा दी. महिला का कहना है कि उसके पति इटावा में रहते हैं.
एफआईआर के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
महिला ने बताया कि इसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों से उसने मुलाकात की लेकिन, न्याय देने के बजाय उसे वहां से भगा दिया गया. उसने बताया कि जब मैं बाहर थी तो पांचों आरोपी पुलिसकर्मियों ने घेरकर मुझे जहर भी पिलाने की कोशिश की. तब वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने उसकी मदद की. एफआईआर के बाद भी पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही है. दो दिन पहले महिला ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर जनता दरबार में अपनी आपबीती सुनाई थी, लेकिन वहां भी उसे कोई मदद नहीं मिली.
प्रियंका ही एकमात्र उम्मीद
पीड़िता का कहना है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया है. इसके बाद मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरी बात प्रियंका गांधी जरूर सुनेंगी. वह एक महिला हैं और महिला का दर्द जरूर समझेंगी. आरोपियों पर कार्रवाई जरूर होगी और मुझे न्याय जरूर मिलेगा.