रायगढ़: पोस्टमार्टम, जिसके बारे में सोचने मात्र से ही हमारा दिल कांप उठता है. वही काम एक महिला वर्षों से कर रही है. सारंगढ़ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला बीते कई सालों से पोस्टमार्टम कर रही है. पति की मौत के बाद परिवार चलाने के लाले पड़ गए थे. घर चलाने की जिम्मेदारी कंधे पर थी, जिसके बाद महिला को स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने ये नौकरी दे दी.
- ETV भारत से बातचीत के दौरान महिला ने बताया कि पहले वह सफाई कर्मी थी, लेकिन पति की मौत के बाद बच्चे और खुद की जिम्मेदारी निभाने के लिए अस्पताल में पोस्टमार्टम करने लगी.
- नीता सोना ने बताया कि शव देखकर पहले उसे डर लगता था, लेकिन अब वह नहीं डरती हैं, बल्कि इसे अपनी ड्यूटी मानती हैं. कई बार देर रात को भी पोस्टमार्टम करती हैं.
- नीता कहती है कि अब ऐसा हो गया है कि हफ्ते भर पुराने शव का भी पोस्टमार्टम करने में भी उसे डर नहीं लगता है.
नीता सोना के हौसले और हिम्मत की होती है तारीफ
वहीं डॉ. जे.आर. घृतलहरे ने नीता सोना की तारीफ करते हुए कहा कि वह बहुत हिम्मती हैं, उन्हें अपना दायित्व बखूबी निभाना आता है. डॉक्टर ने बताया कि नीता देर रात भी बिना डर के शवों का पोस्टमार्टम करती है, जो एक आम इंसान के लिए इतना आसान नहीं है.