लखनऊ: जिले में लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में गंभीर हालत में आई महिला को समय पर इलाज नहीं मिला. डॉक्टर महिला को इधर-उधर भेजते रहे. काफी फरियाद के बाद डॉक्टर इलाज को राजी हुए, जिसके बाद डॉक्टर ने परिजनों को इलाज के लिए बाहर से इंजेक्शन लाने को कहा. परिजनों ने डॉक्टर को इंजेक्शन लाकर दिए. लेकिन, इंजेक्शन लगाते ही महिला की मौत हो गई.
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परिजनों का आरोप, वेंटीलेटर खाली होने पर भी मरीज को भर्ती करने से किया मना
चिनहट निवासी सरिता द्विवेदी को तीन दिन पहले बुखार आया था. उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार कम हो रहा था. पति उन्हें निजी अस्पताल लेकर गए. वहां के डाॅक्टरों ने महिला की हालत गंभीर बताकर उसे लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन बुधवार दोपहर करीब तीन बजे मरीज को लेकर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. वहां पर डाॅक्टरों ने मरीज की हालत देखकर उसे आईसीयू में रखे जाने की बात कही. पति राजेश का कहना है कि आईसीयू में वेंटीलेटर खाली होने के बाद भी मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया गया.
डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप
आरोप है कि, डाॅक्टर लगातार मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने का दबाव बना रहे थे. इसके बाद महिला के पति ने इमरजेंसी में मौजूद डाॅक्टरों से फरियाद की. इसके बाद भी काफी देर तक डाॅक्टरों का दिल नहीं पसीजा. मृतक महिला के पति के मुताबिक डाॅक्टरों ने करीब एक घंटे बाद महिला का प्राथमिक इलाज शुरू किया. इसके बाद निजी मेडिकल स्टोर से महंगे इंजेक्शन खरीद कर लाने को कहा. मृतक महिला के पति का आरोप है कि इंजेक्शन लगने के पांच मिनट बाद ही उसकी पत्नी के मुंह से झाग निकलने लगा और उसकी मौत हो गई. जिसके बाद मृतक महिला के पति ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया. उधर, संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने कहा कि मृतक मरीज के परिजनों ने अभी इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की है.