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UP DGP कौन ? फ्रंट लाइन में वरिष्ठता के आधार पर IPS मुकुल गोयल का नाम सबसे ऊपर

उत्तर प्रदेश में नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की कुर्सी का काउंटडाउन शुरू हो गया है. वर्तमान डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में यूपी का नया डीजीपी कौन बनेगा, इसको लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं. फिलहाल हितेश चंद्र अवस्थी के बाद डीजीपी की कुर्सी के लिए IPS मुकुल गोयल का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है. हालांकि वर्ष 1988 बैच के तीन IPS अफसरों के नाम भी उभर कर सामने आए हैं. लेकिन इनमें से कौन इस कुर्सी पर बैठेगा, यह तो 30 जून को ही पता चलेगा.

डीजीपी एचसी अवस्थी
डीजीपी एचसी अवस्थी
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Published : Jun 29, 2021, 10:22 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 12:45 AM IST

लखनऊ: देश की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स उत्तर प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा? मंगलवार को इसके लिए तीन नामों के पैनल पर दिल्ली में UPSC (यूपीएससी) के नेतृत्व में बैठक संपन्न हो गई है. सूत्रों की मानें तो पैनल में फ्रंट लाइन में यूपी कैडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना हैं. हालांकि, सूत्रों की मानें तो वरिष्ठता के हिसाब से मुकुल गोयल का नाम नंबर एक पर चल रहा है. मंगलवार देर शाम मुकुल गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से आवास पर मुलाकात भी की. इससे मुकुल गोयल के DGP बनने की संभावना और भी बढ़ गई है.

इसके साथ ही वर्ष 1988 बैच के तीन IPS अफसरों के नाम उभर कर सामने आए हैं. इसमें पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी IPS आरके विश्वकर्मा, आनंद कुमार व डॉ डीएस चौहान का नाम चल रहा है. चर्चा है कि, अगर केंद्र से कोई नाम नहीं थोपा गया तो उत्तर प्रदेश का नया DGP 1988 बैच होगा. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है. इसके अलावा एक और नाम पर 1988 बैच के ही IPS अनिल अग्रवाल पर भी विचार चल रहा है. 30 जून शाम तक नए DGP के नाम की घोषणा की जा सकती है.

IPS मुकुल गोयल प्रबल दावेदार

1987 बैच के मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ के डीजी हैं. उनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 को है. मुकुल गोयल के लिए जोरदार लॉबिंग भी हो रही है. सरकार के भी विश्वास पात्र मानें जाते हैं.

IPS आरपी सिंह

तीसरा नाम डीजी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) और एसआईटी के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह का है. बीते दो सालों के दौरान ईओडब्ल्यू और एसआईटी की कई अहम जांचों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके चर्चा में आए आरपी सिंह इस कुर्सी के अहम दावेदारों में से एक हैं. इनकी तैनाती से पहले ये दोनों ही इकाइयां लगभग निष्क्रिय पड़ी हुई थीं और जांचें लंबे समय से अटकी हुई थीं. पावर कॉरपोरेशन, पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, मदरसों में फर्जीवाड़ा जैसी जांचों में इनकी तेज कार्रवाई नजीर बनी. आरपी सिंह का फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है.

बता दें कि प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी (DGP Hitesh Chandra Awasthi) 30 जून को रिटायर हो जाएंगे. उनके स्थान पर कौन डीजीपी बने इसके लिए लोक सेवा आयोग नई दिल्ली को तीन वरिष्ठतम और श्रेष्ठ करियर वाले अधिकारियों का नाम चयन कर यूपी सरकार को भेजना है. इसके लिए मंगलवार को दिल्ली में हाई लेवल बैठक संपन्न हुई. बैठक में शामिल होने के लिए मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी एचसी अवस्थी बीते सोमवार को दिल्ली में पहुंच गए थे. सुबह 11 बजे से शुरू हाई लेवल की बैठक शाम 5 बजे तक चली. बैठक में गृह मंत्रालय के सचिव, किसी अन्य केंद्रीय पुलिस बल के डीजी और यूपीएससी के सदस्य अथवा अध्यक्ष शामिल हुए.

ये भी हैं दावेदार

IPS आरके विश्वकर्मा- दावेदारों में छठे नंबर पर डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का नाम है. वर्ष 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा का मई 2023 में रिटायरमेंट है. डीजी आरके विश्वकर्मा भी दो महत्वपूर्ण पदों का काम संभाल रहे हैं. वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं और डीजी फायर सर्विस के पद पर भी तैनात हैं. मौजूदा समय में वह शासन के विश्वस्त अधिकारियों में हैं. तेजतर्रार और टेकसेवी अफसरों में इनकी गिनती की जाती है. 112 यूपी प्रॉजेक्ट को जमीन पर उतारने में इनकी भी अहम भूमिका रही है. सरकार की जातीय समीकरण की राजनीति के लिहाज से भी इनकी दावेदारी टॉप 3 अफसरों में नंबर एक पर की जाती है.

इसे भी पढ़ें:- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का 5 दिवसीय यूपी दौरा हुआ समाप्त

IPS आनंद कुमार- दावेदारों में आखिरी नंबर पर नाम है डीजी जेल आनंद कुमार का. वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे. दावेदारों में सबसे ज्यादा समय इनके पास ही है. कई मामलों के लिए बदनाम यूपी की जेलों को सुधारने में इन्होंने बड़े पैमाने पर काम किया है. वर्तमान सरकार में लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका रही. दावेदारों में टॉप फाइव में इनकी चर्चा है.

IPS डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान- दावेदारों में सातवें नंबर पर इसी बैच के अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान हैं. वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है. सरकार अगर वरिष्ठता को अनदेखा करती है तो टॉप फाइव दावेदारों में इनका भी नंबर है. इस वक्त डॉ. चौहान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं. यही इनके चयन में रोड़ा भी है.

IPS अनिल कुमार अग्रवाल- आठवें नंबर पर वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल की दावेदारी है. वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में तैनात हैं. हाल ही में इनका सचिव स्तर पर केंद्र में इम्पैनलमेंट हुआ है. सपा सरकार में इनकी ही देखरेख में 112 यूपी प्रॉजेक्ट जमीन पर आया. लंबे समय तक वह एडीजी डायल 100 के पद पर रहे. अप्रैल 2023 में इनका रिटायरमेंट है.

12 IPS में इनके नाम पर भी चर्चा
यूपी काडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना हैं. विश्वजीत को हाल ही में सीबीसीआईडी से हटाकर प्रतीक्षारत रखने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा जैसे महत्वहीन पद पर भेजा गया है. वहीं, जीएल मीना भी मानवाधिकार आयोग में लंबे अरसे से हैं. ऐसे में मुकुल गोयल, आरपी सिंह दावेदार हैं. मुकुल का केंद्र में डीजी पद पर इंपैनलमेंट नहीं हुआ है. वह बीएसएफ में एडीजी हैं. ऐसे में संभव है, वह यूपी में लौटना चाहें. अगर वह यूपी लौटते हैं तो पैनल में उनके नाम पर भी विचार किया जा सकता है. ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह के पास एसआईटी का भी अतिरिक्त प्रभार है. सतर्कता विभाग में आरपी सिंह ने कई घोटालों पर बड़ी कार्रवाई की. हालांकि, आरपी सिंह के नाम पर फिलहाल सहमति बनती नहीं दिख रही.

लखनऊ: देश की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स उत्तर प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा? मंगलवार को इसके लिए तीन नामों के पैनल पर दिल्ली में UPSC (यूपीएससी) के नेतृत्व में बैठक संपन्न हो गई है. सूत्रों की मानें तो पैनल में फ्रंट लाइन में यूपी कैडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना हैं. हालांकि, सूत्रों की मानें तो वरिष्ठता के हिसाब से मुकुल गोयल का नाम नंबर एक पर चल रहा है. मंगलवार देर शाम मुकुल गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से आवास पर मुलाकात भी की. इससे मुकुल गोयल के DGP बनने की संभावना और भी बढ़ गई है.

इसके साथ ही वर्ष 1988 बैच के तीन IPS अफसरों के नाम उभर कर सामने आए हैं. इसमें पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी IPS आरके विश्वकर्मा, आनंद कुमार व डॉ डीएस चौहान का नाम चल रहा है. चर्चा है कि, अगर केंद्र से कोई नाम नहीं थोपा गया तो उत्तर प्रदेश का नया DGP 1988 बैच होगा. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है. इसके अलावा एक और नाम पर 1988 बैच के ही IPS अनिल अग्रवाल पर भी विचार चल रहा है. 30 जून शाम तक नए DGP के नाम की घोषणा की जा सकती है.

IPS मुकुल गोयल प्रबल दावेदार

1987 बैच के मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ के डीजी हैं. उनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 को है. मुकुल गोयल के लिए जोरदार लॉबिंग भी हो रही है. सरकार के भी विश्वास पात्र मानें जाते हैं.

IPS आरपी सिंह

तीसरा नाम डीजी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) और एसआईटी के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह का है. बीते दो सालों के दौरान ईओडब्ल्यू और एसआईटी की कई अहम जांचों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके चर्चा में आए आरपी सिंह इस कुर्सी के अहम दावेदारों में से एक हैं. इनकी तैनाती से पहले ये दोनों ही इकाइयां लगभग निष्क्रिय पड़ी हुई थीं और जांचें लंबे समय से अटकी हुई थीं. पावर कॉरपोरेशन, पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, मदरसों में फर्जीवाड़ा जैसी जांचों में इनकी तेज कार्रवाई नजीर बनी. आरपी सिंह का फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है.

बता दें कि प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी (DGP Hitesh Chandra Awasthi) 30 जून को रिटायर हो जाएंगे. उनके स्थान पर कौन डीजीपी बने इसके लिए लोक सेवा आयोग नई दिल्ली को तीन वरिष्ठतम और श्रेष्ठ करियर वाले अधिकारियों का नाम चयन कर यूपी सरकार को भेजना है. इसके लिए मंगलवार को दिल्ली में हाई लेवल बैठक संपन्न हुई. बैठक में शामिल होने के लिए मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी एचसी अवस्थी बीते सोमवार को दिल्ली में पहुंच गए थे. सुबह 11 बजे से शुरू हाई लेवल की बैठक शाम 5 बजे तक चली. बैठक में गृह मंत्रालय के सचिव, किसी अन्य केंद्रीय पुलिस बल के डीजी और यूपीएससी के सदस्य अथवा अध्यक्ष शामिल हुए.

ये भी हैं दावेदार

IPS आरके विश्वकर्मा- दावेदारों में छठे नंबर पर डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का नाम है. वर्ष 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा का मई 2023 में रिटायरमेंट है. डीजी आरके विश्वकर्मा भी दो महत्वपूर्ण पदों का काम संभाल रहे हैं. वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं और डीजी फायर सर्विस के पद पर भी तैनात हैं. मौजूदा समय में वह शासन के विश्वस्त अधिकारियों में हैं. तेजतर्रार और टेकसेवी अफसरों में इनकी गिनती की जाती है. 112 यूपी प्रॉजेक्ट को जमीन पर उतारने में इनकी भी अहम भूमिका रही है. सरकार की जातीय समीकरण की राजनीति के लिहाज से भी इनकी दावेदारी टॉप 3 अफसरों में नंबर एक पर की जाती है.

इसे भी पढ़ें:- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का 5 दिवसीय यूपी दौरा हुआ समाप्त

IPS आनंद कुमार- दावेदारों में आखिरी नंबर पर नाम है डीजी जेल आनंद कुमार का. वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे. दावेदारों में सबसे ज्यादा समय इनके पास ही है. कई मामलों के लिए बदनाम यूपी की जेलों को सुधारने में इन्होंने बड़े पैमाने पर काम किया है. वर्तमान सरकार में लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका रही. दावेदारों में टॉप फाइव में इनकी चर्चा है.

IPS डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान- दावेदारों में सातवें नंबर पर इसी बैच के अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान हैं. वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है. सरकार अगर वरिष्ठता को अनदेखा करती है तो टॉप फाइव दावेदारों में इनका भी नंबर है. इस वक्त डॉ. चौहान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं. यही इनके चयन में रोड़ा भी है.

IPS अनिल कुमार अग्रवाल- आठवें नंबर पर वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल की दावेदारी है. वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में तैनात हैं. हाल ही में इनका सचिव स्तर पर केंद्र में इम्पैनलमेंट हुआ है. सपा सरकार में इनकी ही देखरेख में 112 यूपी प्रॉजेक्ट जमीन पर आया. लंबे समय तक वह एडीजी डायल 100 के पद पर रहे. अप्रैल 2023 में इनका रिटायरमेंट है.

12 IPS में इनके नाम पर भी चर्चा
यूपी काडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना हैं. विश्वजीत को हाल ही में सीबीसीआईडी से हटाकर प्रतीक्षारत रखने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा जैसे महत्वहीन पद पर भेजा गया है. वहीं, जीएल मीना भी मानवाधिकार आयोग में लंबे अरसे से हैं. ऐसे में मुकुल गोयल, आरपी सिंह दावेदार हैं. मुकुल का केंद्र में डीजी पद पर इंपैनलमेंट नहीं हुआ है. वह बीएसएफ में एडीजी हैं. ऐसे में संभव है, वह यूपी में लौटना चाहें. अगर वह यूपी लौटते हैं तो पैनल में उनके नाम पर भी विचार किया जा सकता है. ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह के पास एसआईटी का भी अतिरिक्त प्रभार है. सतर्कता विभाग में आरपी सिंह ने कई घोटालों पर बड़ी कार्रवाई की. हालांकि, आरपी सिंह के नाम पर फिलहाल सहमति बनती नहीं दिख रही.

Last Updated : Jun 30, 2021, 12:45 AM IST
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