लखनऊ: प्रदेश में जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है, लोगों को कोहरे और प्रदूषण का कहर एक साथ झेलना पड़ रहा है. एक ओर सुबह-शाम कोहरे की चादर यातायात को प्रभावित कर रही है, वहीं सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण का भी असर बढ़ा है. कोहरे का तो आलम ये है कि कई शहरों में सड़कों पर सुबह और शाम के समय वाहन चलते नहीं रेंगते हैं. खासतौर से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तो आबोहवा पूरी तरह नरम पड़ गई है. वहीं, प्रदूषण की बात करें तो कानपुर में प्रदूषण सबसे ज्यादा 'बेरहम' है. गुरुवार को प्रदेश की राजधानी का एक्यूआइ ( एयर क्वालिटी इंडेक्स ) जहां 317 था, वहीं कानपुर का 429 दर्ज किया गया.
यूपी में शहरों का एक्यूआइ
गुरुवार को आगरा का एक्यूआइ 356, बुलंदशहर का 337, गाजियाबाद का 327, ग्रेटर नोएडा का 312, मुरादाबाद का 366, नोएडा का 310 दर्ज किया गया. बीते मंगलवार को जारी हुए एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार प्रदेश में कानपुर व गाजियाबाद में सबसे ज्यादा प्रदूषण पाया गया था. वहीं बीते चार दिसंबर को प्रदूषण के मामले में पहले नंबर पर कानपुर व दूसरे नंबर पर लखनऊ पाया गया था. राजधानी की बात की जाए तो सुबह शाम कोहरे का सिलसिला लगातार जारी है.
इस कारण बढ़ता है प्रदूषण
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्द मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है. यह हवा आसमान में एक परत बना लेती है जिसे धरती से उड़ने वाली धूल, धुआं व गैस इस हवा के आवरण को पार नहीं कर पाती है. जिसके कारण दूषित वायु निचले स्तर पर ही बनी रहती है. यही कारण है कि सर्द मौसम में प्रदूषण बढ़ जाता है. हालांकि दिन में तेज धूप खिलने पर वातावरण साफ हो जाता है लेकिन, सुबह, शाम व रात को ठंडक बढ़ने पर हवा ठंडी हो जाती है. ठंडी हवा जमीन से होने वाले प्रदूषण को आसमान में निकलने से रोक देती है.