लखनऊ: किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद विकासखंड में पांच गेहूं क्रय केंद्र बनाए हैं. लेकिन कोरोना के खौफ और बेमौसम हुई बारिश से फसलों को हुए नकुसान के कारण इस बार इन केंद्रों पर अभी तक बहुत ही कम किसान अपना गेहूं लेकर पहुंचाये हैं. ऐसे में अगर गेहूं खरीदारी इसी गति से होती रही तो निर्धारित लक्ष्य तक पहुंच पाना मुश्किल दिख रहा है.
अमानीगंज पीसीएफ गोदाम पर पसरा सन्नाटा
राजधानी लखनऊ स्थित मलिहाबाद के अमानीगंज में पीसीएफ गोदाम पर गेहूं क्रय केंद्र बनाया गया है. वहीं जिस दिन से गेहूं की खरीदारी शुरू हुई है तब से अभी तक लगभग 600 क्विंटल गेहूं की खरीदारी पीसीएफ गोदाम पर की गई है. बता दें कि बीच में मौसम खराब होने के कारण खेतों की मड़ाई बाधित रही. वहीं अब धीरे-धीरे किसान क्रय केंद्र पर पहुंच रहे हैं. साथ ही आने वाले दो-तीन दिनों में अधिकतर किसानों का गेहूं को लाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
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किसानों के खातों में जा रहे हैं पैसे
बता दें कि अभी तक जितने किसानों का गेहूं सेंटरों पर आया है. उन सभी किसानों के पैसे बैंक के अकाउंट में भेजने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं कुछ किसान गेहूं की बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में उलझे हुए हैं. साथ ही किसानों के जरूरी कागजात अगर पूर्ण है, तो उसी दिन गेहूं क्रय किया जा रहा है.
वहीं खाद्य विभाग द्वारा विपणन केंद्र पर गेहूं की खरीद काफी धीमी है. बता दें कि अभी तक कुल डेढ़ सौ क्विंटल तक गेहूं की खरीदारी ही सुनिश्चित हो पाई है. साथ ही अगर क्रय केंद्रों पर यही आलम रहा तो सरकार द्वारा निर्धारित तक पहुंच पाना बहुत बड़ी मुश्किल बात होगी.