लखनऊ: समाज कल्याण विभाग के बेअंदाज प्रमुख सचिव बीएल मीणा द्वारा अधिकारी कर्मचारियों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां समाज कल्याण विभाग के अधिकारी कर्मचारी कार्य बहिष्कार किए हुए हैं. वहीं प्रमुख सचिव बीएल मीणा के खिलाफ शासन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई या जांच न कराए जाने को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं.
मुख्य सचिव से शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई का आलम ये है जब पीड़ित आईएएस अधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी व अन्य कई अधिकारी मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी से पिछले दिनों मिलकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं. एक प्रमुख सचिव द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने और आचरण सेवा नियमावली में कार्रवाई के किस प्रकार के प्रावधान है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन से खास बातचीत की.
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि उन्हें भी अखबारों के माध्यम से समाज कल्याण विभाग में चल रहे विवाद के बारे में जाना है. उन्होंने बताया कि कोई भी अधिकारी सख्त हो सकता है, लेकिन किसी भी सहयोगी अधिकारी या अन्य कर्मचारी के साथ इस प्रकार का आचरण नहीं कर सकता. शासन स्तर पर वार्ता करके इसका हल निकालना चाहिए.
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि सबसे खास बात यह है कि मुख्य सचिव के स्तर पर जब शिकायत हुई थी तो उसको लेकर संबंधित अधिकारियों को बैठाकर वार्ता की जानी चाहिए थी और वार्ता करके इस समस्या का हल निकालने की कोशिश होनी चाहिए थी. अगर यह सब नहीं हो रहा तो इससे कामकाज भी प्रभावित हो रहा है और इससे शासन के प्रति संदेश भी ठीक नहीं जाता.
वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में कमेटी बनाकर जांच होनी चाहिए. इसके अलावा आचरण सेवा नियमावली की अगर बात की जाए तो जिस भी अधिकारी के खिलाफ दूसरे अधिकारी द्वारा शिकायत की जाती है तो वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की जाती है और जांच कराकर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होती है, लेकिन यह किसी भी स्तर पर ठीक नहीं है कि किसी के साथ भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाए. अगर इस प्रकार की भाषा का प्रयोग या अभद्रता की जाती है तो वरिष्ठ अफसरों को इसका संज्ञान लेना चाहिए जिससे शासन के कामकाज और उसकी इच्छा भी पर असर न पड़े.
समाज कल्याण विभाग में बढ़ रही नाराजगी
प्रमुख सचिव पर कार्रवाई के बजाए निदेशक को हटाने से बढ़ा विवाद उल्लेखनीय है कि समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने पिछले दिनों निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. जिसको लेकर उनकी शिकायत भी मुख्य सचिव से की गई थी, लेकिन शिकायत के बावजूद बी एल मीणा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं दूसरी तरफ पीड़ित अधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी को निदेशक समाज कल्याण के पद से हटाकर उन्हें दूसरे विभाग में भेज दिया गया, जिससे लगातार समाज कल्याण विभाग में नाराजगी बढ़ती चली जा रही है और कार्य बहिष्कार भी चल रहा है.
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