लखनऊ : डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दृष्टिबाधित विभाग ने ब्रेल लिपि के जन्मदाता लुई ब्रेल के जन्म दिवस के अवसर पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया. इस अवसर पर इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए दो प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं. पहली प्रतियोगिता ब्रेल पठन (हिंदी व अंग्रेजी) व दूसरी संभाषण प्रतियोगिता थी, जिसका विषय था 'वर्तमान तकनीकी युग में बेल की प्रासंगिकता'. इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने ऑफलाइन-ऑनलाइन मोड में भागीदारी की. हिंदी ब्रेल पठन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सुनील कुमार, द्वितीय स्थान रीति व तृतीय स्थान मालवीय यादव ने प्राप्त किया.
विजेताओं के चुनाव के लिए गठित की गई कमेटी
अंग्रेजी ब्रेल पठन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सुनील कुमार, द्वितीय स्थान संजीव कुमार व तृतीय स्थान रविशंकर मिश्रा ने प्राप्त किया. संभाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अरविंद राठौर, द्वितीय स्थान लता भारतीय व प्रतिष्ठान संयुक्त रूप से अर्शी बानो व पवन कुमार मिश्रा को प्राप्त हुआ. इस प्रतियोगिता के विजेताओं के चुनाव के लिए डॉ. आघा शक्ति राय, एसोसिएट प्रोफेसर दृष्टिबाधितार्थ विभाग की अध्यक्षता में 2 सदस्य (डॉ सुधा राव व पूजा) की कमेटी गठित की गई थी.
वेबिनार का किया गया आयोजन
इस प्रतियोगिता के पश्चात एक वेबिनार का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति राणा कृष्णपाल सिंह की अध्यक्षता में हुआ. इस वेबिनार में प्रमुख वक्ता के रूप में डॉक्टर योगेंद्र पांडे, एसोसिएट प्रोफेसर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय व सीआरसी लखनऊ के डायरेक्टर रमेश पांडे मौजूद थे. वेबिनार की शुरुआत प्रोफेसर वीके सिंह अधिष्ठाता, विशेष शिक्षा संकाय ने सभी वक्ताओं व श्रोताओं का स्वागत करते हुए किया. प्रोफेसर सिंह ने ब्रेल को दृष्टिबाधित विद्यार्थियों का धरोहर बताते हुए उनके लिए इसके महत्व व प्रासंगिकता की चर्चा की. कार्यक्रम में डॉ. आघा शक्ति राय, डॉ. दिनेश कुमार, आशीष कुमार गुप्ता, चेत नारायण पटेल, नीरज दीक्षित, डॉ सुधा राव आदि और शिक्षक शामिल थे.