लखनऊः लखनऊ जल निगम राजधानी की जनता से जल संरक्षण के लिए जल की बर्बादी रोकने की अपील कर रहा है. इसके बावजूद लखनऊ में जगह-जगह जल की बर्बादी देखी जा रही है. लखनऊ में कुछ लोगों पर जागरूकता और अभियान का असर नहीं हो रहा है. लोग नल और टोटी को खुला छोड़ देते हैं, जिससे जल बर्बाद हो रहा है.
जल कल विभाग के अधिशासी अभियंता राम कैलाश का कहना है कि जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. राजधानी में जहां कहीं भी पानी की बर्बादी की शिकायत आती है 24 घंटे के अंदर समस्या का समाधान किया जाता है. ठंड में लिखित की संभावना अधिक रहती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए हम लोग 24 घंटे में समस्या का समाधान करते हैं.
जल संरक्षण के लिए मुहिम की जरूरत
जलकल के अधिशासी अभियंता का कहना है कि जल संरक्षण के लिए मुहिम चलाए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही पब्लिक की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह पेयजल की बर्बादी ना करें. अधिशासी अभियंता का कहना है कि शहर में पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए पहले 90000 वाटर मीटर लगाए जाने थे. बाद में शासन ने 35000 वाटर मीटर लगाए जाने की बात कही. इस क्रम में राजधानी लखनऊ के जोन 4 गोमती नगर व जोन 7 इंदिरा नगर में 28000 वाटर मीटर लगा दिए गए हैं.
336 अवैध कनेक्शनों को किया गया वैध
जल निगम के अधिशासी अभियंता का कहना है कि राजधानी लखनऊ में 336 वाटर कनेक्शन अवैध पाए गए. इन पर शुल्क लगाते हुए इन्हें रेगुलर कर दिया गया है. वहीं विगत वर्ष 369000 वाटर मीटर लगाए गए थे, जबकि इस वर्ष अभी तक 2525 वाटर मीटर ही लग पाए हैं. इस तरह कुल मिलाकर 372000 वाटर मीटर लगे हैं. अप्रैल-मई जून महीने में कोरोना संक्रमण के कारण एक भी वाटर मीटर नहीं लगा.