कासगंज : सोरों कोतवाली इलाके के एक गांव में जिंदा जलकर 2 बच्चियों की मौत हो गई. घटना गुरुवार देर शाम की है. माता-पिता किसी काम से घर से बाहर गए थे. इस दौरान अज्ञात कारणों से रिहायशी झोपड़ी में आग लग गई. चीख-पुकार मचने पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. लोगों ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तक तक बहुत देर हो चुकी थी. एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की.
सोरों कोतवाली क्षेत्र के गांव नगरिया में किसान मोहर सिंह पुत्र प्रहलाद भगत परिवार समेत रहते हैं. वह छप्पर की रिहायशी झोपड़ी में रहते हैं. पुलिस के अनुसार गुरुवार की शाम को मोहर सिंह काम से खेत पर गए थे. इस दौरान मां भी किसी काम से घर के बाहर चली गई. झोपड़ी में किसान की 5 वर्ष की पुत्री नंदिनी और 2 वर्ष की पुत्री राधिका थीं.
इस बीच अज्ञात कारणों से झोपड़ी में आग लग गई. दोनों बच्चियां चीखने-चिल्लाने लगी. आवाज सुनकर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. इससे दोनों बच्चियों को भागने का मौका नहीं मिल पाया. ग्रामीणों ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दोनों की जलकर मौत हो चुकी थी.
झोपड़ी के पास ही मोहर सिंह की एक भैंस भी बंधी थी. आग की लपटों से वह भी झुलस गई. ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. कुछ ही देर में पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई. एसपी अंकिता शर्मा समेत प्रशासन के अन्य अफसर भी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने दोनों बच्चियों के शवों को बाहर निकलवाया. इसके बाद उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
एसपी के अनुसार आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. जांच कराई जा रही है. वहीं घटना से गांव के लोग भी गमगीन हैं. उनका कहना हैं कि बच्चियां चीखती-चिल्लाती रहीं लेकिन आग भयंकर होने के कारण वे उन्हें बचा नहीं पाए.
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