ETV Bharat / state

दो महीने बाद नहर में छोड़ा गया पानी, इन गांव के किसानों को मिलेगा फायदा

author img

By

Published : Dec 22, 2020, 5:23 PM IST

लखनऊ में सूखी पड़ी नहरें किसानों की चिंता बढ़ा रही थी. पानी के अभाव में बोई गई रवि की फसल के साथ ही आम के बागों में पानी की जरूरत थी. लगभग दो महीने बाद अब नहरों में पानी देख किसानों, बागवानों के मुरझाए चेहरों पर खुशी झलक उठी है.

lucknow
दो महीने बाद नहर में छोड़ा गया पानी

लखनऊः क्षेत्र की सूखी पड़ी नहरें किसानों की चिंता बढ़ा रही थी. पानी के अभाव में बोई गई रवि की फसल के साथ ही आम के बागों में पानी की जरूरत थी. जिससे किसानों, बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा था. लगभग दो महीने बाद अब नहरों में पानी देख किसानों, बागवानों के मुरझाए चेहरों पर खुशी झलक उठी है.

नहर पर निर्भर है दर्जनों गांव की खेती
रहीमाबाद क्षेत्र के ससपन,अंबरखेड़ा, कुशलखेड़ा, जमोलिया, मुड़ियारा, दिलवारनगर, कहला, सुरगौला सहित दर्जनों गांव की खेती नहर के पानी से होती है. लेकिन दो महीने से नहर सूखी थी, जिसका असर किसानों के खेतों पर पड़ रहा था. इन गांवों से गुजरने वाली ससपन माइनर नहर के पानी से हजारों बीघे खेतों की सिंचाई होती है.

'पानी की कमी से बर्बाद हो रही थी फसलें'

दिलावर नगर निवासी बागवान अफजाल, रामविलास ईशापुर निवासी आनंद यादव ने बताया कि अगेती बुवाई हुई रबी फसल को पानी की अति आवश्यकता है. पानी की कमी से फसल खराब हो रही थी.

'नहरों पर बागवानी भी है निर्भर'
पुरवा निवासी बागवान संजय सिंह ने बताया कि बागों में निकल रहे अगेती बौर का सिलसिला रोकने में बागों को पानी की जरूरत होती है. जिस कारण निकलने वाला बौर समय से निलकता है. वहीं बागों में पानी से पेड़ो में निकले नए कोपलों को मजबूती मिलेगी. साथ ही आम की फसल की भी अच्छी ग्रोथ होगी.

'नहरों में पानी की नहीं रोकी जाएगी सप्लाई'
तहसीलदार शम्भू शरण ने बताया कि नहर विभाग के अधिकारियों से बात कर ली गई है. किसान हितों को ध्यान में रखते हुए नहरों में निरंतर पानी बनाएं रखने के लिए कहा गया है. जिससे उनकी तैयार होने वाली फसल की पैदावार अच्छी हो सके.

लखनऊः क्षेत्र की सूखी पड़ी नहरें किसानों की चिंता बढ़ा रही थी. पानी के अभाव में बोई गई रवि की फसल के साथ ही आम के बागों में पानी की जरूरत थी. जिससे किसानों, बागवानों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा था. लगभग दो महीने बाद अब नहरों में पानी देख किसानों, बागवानों के मुरझाए चेहरों पर खुशी झलक उठी है.

नहर पर निर्भर है दर्जनों गांव की खेती
रहीमाबाद क्षेत्र के ससपन,अंबरखेड़ा, कुशलखेड़ा, जमोलिया, मुड़ियारा, दिलवारनगर, कहला, सुरगौला सहित दर्जनों गांव की खेती नहर के पानी से होती है. लेकिन दो महीने से नहर सूखी थी, जिसका असर किसानों के खेतों पर पड़ रहा था. इन गांवों से गुजरने वाली ससपन माइनर नहर के पानी से हजारों बीघे खेतों की सिंचाई होती है.

'पानी की कमी से बर्बाद हो रही थी फसलें'

दिलावर नगर निवासी बागवान अफजाल, रामविलास ईशापुर निवासी आनंद यादव ने बताया कि अगेती बुवाई हुई रबी फसल को पानी की अति आवश्यकता है. पानी की कमी से फसल खराब हो रही थी.

'नहरों पर बागवानी भी है निर्भर'
पुरवा निवासी बागवान संजय सिंह ने बताया कि बागों में निकल रहे अगेती बौर का सिलसिला रोकने में बागों को पानी की जरूरत होती है. जिस कारण निकलने वाला बौर समय से निलकता है. वहीं बागों में पानी से पेड़ो में निकले नए कोपलों को मजबूती मिलेगी. साथ ही आम की फसल की भी अच्छी ग्रोथ होगी.

'नहरों में पानी की नहीं रोकी जाएगी सप्लाई'
तहसीलदार शम्भू शरण ने बताया कि नहर विभाग के अधिकारियों से बात कर ली गई है. किसान हितों को ध्यान में रखते हुए नहरों में निरंतर पानी बनाएं रखने के लिए कहा गया है. जिससे उनकी तैयार होने वाली फसल की पैदावार अच्छी हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.