लखनऊ: रेलवे ने यात्रियों को सस्ती दर पर पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन की शुरूआत की थी. इसकी सुविधा फिलहाल यात्रियों को नहीं मिल रही है. रेलवे की ओर से विभिन्न स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बावजूद वाटर वेंडिंग मशीन बंद पड़ी हैं. ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर पानी की सप्लाई की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी (IRCTC) की है. इसलिए वाटर वेंडिंग मशीन के संचालन का जिम्मा भी आईआरसीटीसी के हाथ में है.
लॉकडाउन के कारण बंद की गईं थीं मशीनें
आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के चलते 24 मार्च 2020 से पूरे देश में लाॅकडाउन लगने के दौरान ही वाटर वेंडिंग मशीन को बंद कर दिया गया था. इसको बंद करने के लिए रेलवे बोर्ड की ओर से आदेश जारी किया गया था. हालांकि लाॅकडाउन हटने के बाद ट्रेनों का संचालन तो शुरू हो गया, लेकिन वाटर वेंडिंग मशीन बंद ही रहीं. अब जबकि रेलवे की ओेर से अधिक संख्या में स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है तो वाटर वेंडिंग मशीन की जरूरत को यात्री महसूस कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो जिस तरह के हालात हैं, उसको देखते हुए फिलहाल जल्द वाटर वेंडिंग मशीन की सुविधा यात्रियों को नहीं मिल पाएगी.
खत्म हो चुका है टेंडर
आईआरसीटीसी की ओर से वाटर वेंडिंग मशीन के संचालन का जिम्मा अर्थ वाटरजेन कंपनी को दिया गया था. लाॅकडाउन के चलते वाटर वेंडिंग मशीन को बंद हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है. वहीं, सूत्रों की मानें तो अब इसका टेंडर भी खत्म हो गया है. ऐसे में नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद ही इसका संचालन प्रारंभ हो सकेगा.
बिजली के साथ किराया भी बकाया
वाटर वेंडिंग मशीन का संचालन करने वाली कंपनी पर बकाया भी है. बिजली बिल का करीब 8 से 10 लाख रुपये बाकी है. यही नहीं कंपनी पर किराये के रूप में इससे कहीं अधिक पैसा बकाया है. उक्त कंपनी रेलवे का किराया नहीं अदा कर सकी है. वाटर वेंडिंग मशीन के संचालन को लेकर इसका भी पेंच फंसा हुआ है.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगी मशीनें
रेलवे के लखनऊ जंक्शन पर वाटर वेंडिंग मशीन और ट्रेन के कोच की साफ-सफाई के लिए 'क्लीन माय ट्रेन' पोर्टल और ऐप की सुविधा एक साथ शुरू की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत इसकी शुरुआत की गई थी. इसके तहत देश भर के रेलवे स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाए जाने का फैसला लिया गया था.
आरओ तकनीक से बेहतर पानी उपलब्ध कराना था मकसद
लखनऊ जंक्शन सहित पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार उचित दर पर पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर वेंडिंग मशीन (डब्ल्यू वीएम) लगाने का फैसला किया गया था. इसका मकसद आरओ तकनीक या इससे बेहतर तकनीक से स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन द्वारा यात्रियों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाना था. पीने का पानी निर्धारित मानक और बैक्टेरियोलॉजिकल, वायरोलॉजिकल और बायोलॉजिकल मानकों के अनुसार था.
चुनिंदा ब्रांड का ही बिक सकता है पानी
रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में सिर्फ रेलनीर और कुछ बेहतर गुणवत्ता वाले चुनिंदा कंपनियों के पानी की ही बिक्री का प्रावधान है. वहीं आम दिनों में 60 प्रतिशत पानी की खपत रेलवे स्टेशनों और 40 प्रतिशत ट्रेनों में होती है, लेकिन गर्मियों में मांग अधिक होने पर घटिया क्वालिटी और पाउच वाले पानी के पैकेट भी बड़े पैमाने पर बिकते हैं. इसको देखते हुए ही यात्रियों को कम दाम में बेहतर गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर वेंडिंग मशीन लगाई गई थी.
इस दर पर मिल रहा था पानी
मात्रा | बिना कंटेनर | कंटेनर के साथ |
300 एमएल | एक रुपया | दो रुपये |
आधा लीटर | तीन रुपया | पांच रुपये |
एक लीटर | पांच रुपया | आठ रुपये |
दो लीटर | आठ रुपये | 12 रुपये |
पांच लीटर | 20 रुपये | 25 रुपये |
क्या कहते हैं अधिकारी
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी का टेंडर काफी पहले ही खत्म हो चुका है. उस पर काफी किराया भी बाकी है. वसूली के लिए प्रयास चल रहा है. नई कंपनी का टेंडर होगा, उसके बाद ही वाटर वेंडिंग मशीन शुरू होगी.