लखनऊ : अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा तख्ता पलट के बाद हिंदुस्तान में एक नई बहस छिड़ गई है. भारत सरकार सर्वदलीय बैठक कर जहां सभी बड़ी सियासी पार्टियों से तालिबान के मामले पर चर्चा कर रही है. वहीं हिंदुस्तान में तालिबान को लेकर अलग-अलग राय लोगों कि देखने को मिल रही है. वसीम रिजवी ने इस मामले पर बोलते हुए ईरान, इराक सहित कई मुस्लिम देशों को कटघरे में खड़े करते हुए इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आह्वान किया है.
अपने विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने भारत सहित दुनिया के मुस्लिम संगठनों पर सवाल खड़े किए हैं. शुक्रवार को बयान जारी कर इस मामले पर बोलते हुए पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि जिस वक़्त इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर अफगानिस्तान में तालिबान अपना फन उठा रहा था उस वक्त ईरान, इराक, सीरिया सहित सभी मुस्लिम मुल्क और हिंदुस्तान की मुस्लिम संगठन सब मिलकर यही कह रही थी कि तालिबान अब सुधर गया है.
वसीम रिजवी ने कहा "अब तालिबान ने अतंकी गतिविधियां जो शुरू कर दी है और औरतों के साथ बलात्कार और अपहरण हो रहे हैं तो सारे मुस्लिम मुल्क चुप क्यूं हैं. हिंदुस्तान की सारी मुस्लिम संस्थाएं खामोश क्यों हैं. मुसलमान तालिबान में जो आतंक मचा रहे हैं तो क्यों दुनिया के मुस्लिम मुल्क तमाशबीन बने बैठे हैं. क्या इस चुप्पी से वह सभी देश अतांक का समर्थन कर रहे हैं."
आपको बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट (Kabul Airport) के पास गुरुवार को सीरियल ब्लास्ट (Serial Blasts) हुए. इस हमले में कम से कम 103 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है. एक अफगान अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि हवाई अड्डे पर हुए हमले में कम से कम 60 अफगान मारे गए तथा 143 अन्य घायल हुए हैं. वहीं, व्हाइट हाउस के अनुसार इस आतंकी हमले में मारे गए पीड़ितों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा.