लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जीसीआरजी मेमोरियल ट्रस्ट के चेयरमैन अभिषेक यादव और प्रिंसिपल डॉ. आनंद मिश्रा के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है. वहीं इंस्टीट्यूट के 2016-17 बैच के छात्रों का परीक्षा फॉर्म सीधे विश्वविद्यालय में भरने और उनका प्रवेश पत्र जारी करने का आदेश अवध विश्वविद्यालय को दे दिया गया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल सदस्यीय पीठ ने अनुश्री पाठक और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याचिका में कहा गया है कि उक्त संस्थान 2016-17 के पहले और बाद का कोई बैच नहीं चला रहा है और न ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का पालन किया जा रहा है.
संस्थान बना रहा छात्रों पर अनुचित दबाव
15 नवम्बर से 22 नवम्बर के बीच छात्रों के मुख्य और सम्प्लीमेंट्री परीक्षा के फॉर्म भरे जा रहे हैं, लेकिन संस्थान छात्रों पर दबाव डाल रहा है कि वे उसे उचित इंफ्रास्ट्रक्चर, अस्पताल, फैकल्टी, आवास और अन्य सुविधाओं का सर्टिफिकेट दें.
यह सर्टिफिकेट सभी छात्रों से मांगा जा रहा है. साथ ही सर्टिफिकेट देने से मना कर रहे छात्रों को फॉर्म नहीं भरने दिया जा रहा है. छात्रों के यूजर नेम और पासवर्ड संस्थान के ही पास हैं, जिसके कारण संस्थान द्वारा छात्रों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है.
4 दिसम्बर को मामले की सुनवाई
न्यायालय ने पूर्व की सुनवाई के दौरान ट्रस्ट के चेयरमैन और संस्थान के प्रिंसिपल को नोटिस भेजने का आदेश दिया था. न्यायालय ने पाया कि नोटिस प्राप्त होने के बावजूद दोनों प्रतिवादी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. न्यायालय ने इन परिस्थितियों को देखते हुए दोनों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया. इस मामले की अग्रिम सुनवाई 4 दिसम्बर को की जाएगी.
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