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व्यापार मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल आपराधिक मुकदमे से बरी

लखनऊ की स्थानीय अदालत ने व्यापार मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल आपराधिक मुकदमे से बरी करने आदेश दिया है.

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एमपी-एमएलए कोर्ट
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Published : Oct 13, 2022, 10:40 PM IST

लखनऊ: राजधानी की एक स्थानीय अदालत ने बड़े व्यापारी नेता और पूर्व एमएलसी बनवारी लाल कंछल को बड़ी राहत देते हुए, उन्हें आपराधिक मुकदमे से बरी कर दिया है. मामला परिवर्तन चौक पर बिना अनुमति सरकार का पुतला फूंकने से सम्बंधित है. मामले में अभियुक्त तत्कालीन एमएलसी व व्यापार मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल को साक्ष्य के अभाव में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने बरी किया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष ऐसे किसी भी साक्षी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका जिससे आरोपी के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को बाल मिल सके. अदालत ने कहा कि अभियोजन अपराध को साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा है, ऐसी स्थिति में बनवारी लाल कंछल को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया जाना ही उचित होगा.

अदालती पत्रवली के अनुसार हजरतगंज कोतवाली में दारोगा अजय कुमार त्यागी ने 13 जुलाई 2003 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपने सहयोगियों के साथ परिवर्तन चौक पर गश्त कर रहे थे. उसी दौरान एक एम्बेसडर कार जिस पर महामंत्री समाजवादी पार्टी का बोर्ड लगा था और उसके साथ 10-12 लोग मोटर साइकिलों से परिवर्तन चौराहे पर पहुंच गए. आरोप लगाया गया कि कार में बैठे एमएलसी बनवारी लाल कंछल ने अपने तीन-चार साथियों की मदद से कार में से एक पुतला निकाला और उसमें आग लगा दी और इसके पश्चात सरकार और प्रशासन विरोधी नारेबाजी करते हुए भाग गए.

यह भी पढ़ें: किसी समुदाय को धार्मिक प्रतीक पहनने की अनुमति देना धर्मनिरपेक्षता के उलट : जस्टिस गुप्ता

लखनऊ: राजधानी की एक स्थानीय अदालत ने बड़े व्यापारी नेता और पूर्व एमएलसी बनवारी लाल कंछल को बड़ी राहत देते हुए, उन्हें आपराधिक मुकदमे से बरी कर दिया है. मामला परिवर्तन चौक पर बिना अनुमति सरकार का पुतला फूंकने से सम्बंधित है. मामले में अभियुक्त तत्कालीन एमएलसी व व्यापार मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल को साक्ष्य के अभाव में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने बरी किया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष ऐसे किसी भी साक्षी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका जिससे आरोपी के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को बाल मिल सके. अदालत ने कहा कि अभियोजन अपराध को साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा है, ऐसी स्थिति में बनवारी लाल कंछल को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया जाना ही उचित होगा.

अदालती पत्रवली के अनुसार हजरतगंज कोतवाली में दारोगा अजय कुमार त्यागी ने 13 जुलाई 2003 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपने सहयोगियों के साथ परिवर्तन चौक पर गश्त कर रहे थे. उसी दौरान एक एम्बेसडर कार जिस पर महामंत्री समाजवादी पार्टी का बोर्ड लगा था और उसके साथ 10-12 लोग मोटर साइकिलों से परिवर्तन चौराहे पर पहुंच गए. आरोप लगाया गया कि कार में बैठे एमएलसी बनवारी लाल कंछल ने अपने तीन-चार साथियों की मदद से कार में से एक पुतला निकाला और उसमें आग लगा दी और इसके पश्चात सरकार और प्रशासन विरोधी नारेबाजी करते हुए भाग गए.

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