हैदराबाद: यूपी में आज पहले चरण के लिए मतदान हो रहा है. एनसीआर और पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा शामिल हैं. बता दें कि यहां 58 विधानसभा सीटों पर कुल 623 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मथुरा और मुजफ्फरनगर की दो सीट ऐसी हैं, जहां से सबसे अधिक 15-15 प्रत्याशी मैदान में हैं. पहले चरण में मैदान में उतरे 46% प्रत्याशी करोड़पति हैं तो वहीं, उम्मीदवारों की औसतन आय 3.72 करोड़ रुपये है. इतना ही नहीं 156 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले भी चल रहे हैं.
जानें पिछली बार इन सीटों पर क्या हुआ था ?
शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा की जिन 58 सीटों पर आज पहले चरण में वोट पड़ रहे हैं, उनमें से 53 पर 2017 में भाजपा ने जीत हासिल की थी. सपा और बसपा के खाते में दो-दो सीटें गईं थी, जबकि एक पर रालोद प्रत्याशी की जीत हुई थी, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे. साल 2017 में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. इसके बावजूद सूबे में बुरी हार का सामना करना पड़ा था. खैर, यहां रालोद और बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा था. रालोद ने पश्चिमी यूपी की 23 जिलों की 100 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
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एक नजर
- शामली - यहां कुल तीन विधानसभा सीटें हैं. 2017 में दो सीटों पर भाजपा, जबकि एक पर सपा प्रत्याशी की जीत हुई थी.
- हापुड़ - यहां तीन विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार इनमें से दो पर भाजपा जबकि एक पर बसपा की जीत हुई थी.
- गाजियाबाद - एनसीआर में पड़ने वाले इस जिले में विधानसभा की कुल पांच सीटें हैं. 2017 में सभी सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं.
- मेरठ - यहां विधानसभा की सात सीटें हैं. पिछली बार इनमें से छह पर भाजपा जबकि एक पर सपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी.
- मुजफ्फरनगर - पश्चिमी यूपी के इस महत्वपूर्ण जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं. 2017 में सभी सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी.
- बागपत - यहां विधानसभा की तीन सीटें हैं. 2017 में इनमें से दो पर भाजपा जबकि एक पर रालोद प्रत्याशी की जीत हुई थी.
- बुलंदशहर - यहां सात विधानसभा सीटें हैं और 2017 में सभी भाजपा के खाते में गईं थीं.
- नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) - यहां की तीन सीटों पर 2017 में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.
- अलीगढ़ - यहां की सभी सात सीटों पर 2017 में भाजपा प्रत्याशियों ने ही जीत हासिल की थी.
- आगरा - यहां विधानसभा की नौ सीटें हैं. 2017 में सभी सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी.
- मथुरा - यहां पांच सीटें हैं और इनमें चार पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि एक पर बसपा प्रत्याशी ने परचम लहराया था.
इन नेताओं ने बदला पाला
आगरा के फतेहाबाद से भाजपा के विधायक रहे जितेंद्र वर्मा अब समाजवादी पार्टी की टिकट पर मैदान में हैं. वहीं, मुजफ्फरनगर के बड़े कांग्रेस नेता व चार बार के विधायक रहे हरेंद्र मलिक के बेटे को इस बार चरथापल सीट से सपा-रालोद गठबंधन से मैदान में हैं. चुनाव से ठीक पहले पंकज और हरेंद्र दोनों ही कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. इधर, खैरागढ़ से बसपा के विधायक रह चुके भगवान सिंह कुशवाहा भाजपा से चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा एत्मादपुर से विधायक रहे और सपा के बड़े नेताओं में शुमार डॉ. धर्मपाल सिंह भाजपा की टिकट पर मैदान में हैं.
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