लखनऊ: नदी संरक्षण एवं स्वच्छता को लेकर अभी तक के सरकारी प्रयास कुछ खास नहीं बदलाव नहीं ला सके हैं. शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों का गंदा पानी गोमती नदी में बदस्तूर गिर रहा है. नदियों के प्रदूषण को समाप्त करने का दावा कोरा ही रह गया. मगर कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने नदियों के घाटों और सड़कों की सफाई का अभियान चलाया है. स्वच्छ पर्यावरण आंदोलन सेना लखनऊ ने 127वें रविवार को गोमती नदी में स्वच्छता का अभियान चलाया. सीएम से गोमती में गिरने वाले गंदे नालों को बंद करने की जोरदार मांग भी की गई है.
5 क्विंटल से अधिक कूड़ा सिल्ट, कचरा निकाला
नदियों की साफ-सफाई तथा जल को संरक्षित करने को लेकर भले ही शासन और प्रशासन के स्तर पर कोई खास पहल नहीं की जा रही है, लेकिन स्वच्छता मिशन को लेकर कुछ संस्थाएं जागरूकता का दीपक जलाए हुए. इनमें से एक स्वच्छ पर्यावरण आंदोलन सेना है, जिसने अपने अभियान के तहत रविवार को 5 क्विंटल से अधिक कूड़ा सिल्ट, कचरा निकाला.
ठिठुरती ठंड में तलहटी से निकला कचरा
सुबह 6 बजे से ही स्वयं सेवक सफाई में जुट गए. ठिठुरती ठंड के बावजूद सेना के कृपा शंकर वर्मा फौजी, राजेश जोशी चाचा भुवन पांडेय, राकेश जयसवाल, राजीव तिवारी, सुनील वर्मा रत्नेश सिंह, विपिन, शुभम, विवेक, शिवराज नीरज रामकुमार इत्यादि ने गोमती नदी की तलहटी से कचरा निकालने में पीछे नहीं रहे.
करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी गोमती मैली
कई नालों से शहर भर का गंदा पानी गोमती नदी में गिरता रहता है. इस पर रोक लगाने के लिए योजनाएं तो कई बनीं, लेकिन फलीभूत नहीं हो सकीं. करोडों रुपये खर्च होने के बाद भी गोमती नदी मैली की मैली ही है. इसके बाद भी पर्यावरण सेना अपने अभियान में जुटी हुई है. लगातार दो घंटे तक चलने वाले इस स्वच्छता अभियान के संयोजक रणजीत सिंह सहित सभी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोमती में गिरने वाले गंदे नालों को बंद करने की जोरदार मांग की.