ETV Bharat / state

लखनऊ: 20 दिनों बाद भी नहीं सुलझी विश्वजीत की मौत की गुत्थी

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 17 जुलाई की रात घर में एक युवक की मौत हो गई थी. इस बात को करीब बीस दिन बीत चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद अब तक युवक की मौत की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है.

20 दिनों बाद भी नहीं सुलझी विश्वजीत की मौत की गुत्थी
author img

By

Published : Aug 5, 2019, 3:21 PM IST

लखनऊ: गोमती नगर थाना क्षेत्र में बीती 17 जुलाई की रात को घर में एक युवक की मौत हो गई थी. युवक का नाम विश्वजीत था. जो एक निजी अस्पताल में मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत थे. विश्वजीत की मौत को करीब 20 दिन बीत चुके है. इसके बावजूद पुलिस अब तक युवक की मौत की गुत्थी नहीं सुलझा पाई है.

20 दिनों बाद भी नहीं सुलझी विश्वजीत की मौत की गुत्थी.

क्या है पूरा मामला

  • मामला गोमती नगर थाना क्षेत्र का है.
  • जहां के रहने वाले विश्वजीत की 17 जुलाई की रात मौत हो गई थी.
  • पुलिस के अनुसार विश्वजीत नशे में थे.
  • बालकनी से नीचे गिरने और दीवार पर लगी लोहे की रॉड शरीर में घुसने से मौत हो गई.
  • लेकिन पुलिस की जांच में रेलिंग पर विश्वजीत के खून के निशान नहीं मिले.
  • जिसके बाद विश्वजीत की मौत हत्या है या दुर्घटना गुत्थी में उलझ गई थी.

क्या है मां का कहना

  • विश्वजीत रात को करीब 1 बजे मेरे पास आया.
  • बोला मां मुझे बचा लो, मैं बेड से गिर गया हूं.
  • आनन-फानन में विश्वजीत के बड़े भाई उसे हॉस्पिटल ले गए.
  • जहां विश्वजीत के दिल की सर्जरी होती है.
  • इसके बावजूद विश्वजीत की हॉस्पिटल में मौत हो गई.

मामले में पुलिस का कहना है कि मामले में फॉरेंसिक और सीन रिकंस्ट्रक्शन की जांच कराई गई है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: गोमती नगर थाना क्षेत्र में बीती 17 जुलाई की रात को घर में एक युवक की मौत हो गई थी. युवक का नाम विश्वजीत था. जो एक निजी अस्पताल में मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत थे. विश्वजीत की मौत को करीब 20 दिन बीत चुके है. इसके बावजूद पुलिस अब तक युवक की मौत की गुत्थी नहीं सुलझा पाई है.

20 दिनों बाद भी नहीं सुलझी विश्वजीत की मौत की गुत्थी.

क्या है पूरा मामला

  • मामला गोमती नगर थाना क्षेत्र का है.
  • जहां के रहने वाले विश्वजीत की 17 जुलाई की रात मौत हो गई थी.
  • पुलिस के अनुसार विश्वजीत नशे में थे.
  • बालकनी से नीचे गिरने और दीवार पर लगी लोहे की रॉड शरीर में घुसने से मौत हो गई.
  • लेकिन पुलिस की जांच में रेलिंग पर विश्वजीत के खून के निशान नहीं मिले.
  • जिसके बाद विश्वजीत की मौत हत्या है या दुर्घटना गुत्थी में उलझ गई थी.

क्या है मां का कहना

  • विश्वजीत रात को करीब 1 बजे मेरे पास आया.
  • बोला मां मुझे बचा लो, मैं बेड से गिर गया हूं.
  • आनन-फानन में विश्वजीत के बड़े भाई उसे हॉस्पिटल ले गए.
  • जहां विश्वजीत के दिल की सर्जरी होती है.
  • इसके बावजूद विश्वजीत की हॉस्पिटल में मौत हो गई.

मामले में पुलिस का कहना है कि मामले में फॉरेंसिक और सीन रिकंस्ट्रक्शन की जांच कराई गई है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर

लखनऊ। 17 जुलाई दिन बुधवार सुबह के करीब 4:00 बजे होंगे पुलिस को सूचना मिलती है कि गोमती नगर निवासी 30 वर्षीय विश्वजीत जो एक निजी अस्पताल में मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत है कि उनके मकान में किसी ने गोली मार कर हत्या कर दी। आनन-फानन में जब मौके पर पुलिस पहुंची तो विश्वजीत का पूरा खून घर में फैला हुआ था परिजनों से बातचीत की तो विश्वजीत की मां ने पुलिस को बयान दिया कि विश्वजीत रात को करीब 1:00 बजे के आसपास मेरे पास आया और बोला मां मुझे बचा लो मैं बेड से गिर गया हूं आनन-फानन में विश्वजीत के बड़े भाई इंद्रजीत उसे अपनी गाड़ी से मिडलैंड हॉस्पिटल ले जाते हैं वहां विश्वजीत के दिल की एक सर्जरी होती है क्योंकि जिस धारदार हथियार से विश्वजीत पर हमला हुआ था उससे उसके दिल की धमनिया भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी सर्जरी का कोई फायदा नहीं होता है और विश्वजीत की लाइन हॉस्पिटल में मौत हो जाती है। बाद में पता चलता है कि विश्वजीत की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि धारदार हथियार के हमले से हुई है।




Body:विवो

घटना के बाद पुलिस की पड़ताल शुरू होती है प्रथम दृष्टया पुलिस घटना को हादसा बताती है।पुलिस की थ्योरी के अनुसार विश्वजीत कमरे से शराब व गाजे की सिगरेट बरामद हुई जिसके आधार पर पुलिस का कहना था कि विश्वजीत नशे में थे और बालकनी से नीचे गिर गए और दीवार पर लगी लोहे की रॉड उनके शरीर में घुस गई जिससे उनकी मौत हो गई। लेकिन पुलिस की यह थ्योरी उस समय फेल हो गई जब पुलिस को रेलिंग पर विश्वजीत के खून के निशान नहीं मिले। पुलिस की अब तक की जांच में इस बात के भी सुराग नहीं मिले हैं कि घटना के दिन कोई बाहरी व्यक्ति घर के अंदर प्रवेश किया था। लखनऊ पुलिस की सुस्त पड़ताल का ही नतीजा है कि आज 20 दिन बाद भी विश्वजीत की मौत की गुत्थी सुलझी नहीं है और राज बना हुआ है कि विश्वजीत की मौत हत्या थी या फिर दुर्घटना?

अपनी सक्रियता दिखाने के लिए पुलिस ने घटना का री कंस्ट्रक्शन करवाया था वही दोबारा फॉरेंसिक जांच भी कराई गई थी लखनऊ पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि आज 5 अगस्त को फॉरेंसिक जांच व सीन रिकंस्ट्रक्शन की रिपोर्ट मिल जाएगी जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की पड़ताल की जाएगी रिपोर्ट आने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि विश्वजीत की मौत की गुत्थी सुलझ सकती है।

दोनों ही जांच रिपोर्ट में सबसे अहम बिंदु घर की दीवाल पर लगी रेलिंग से जुड़ा हुआ है अगर विश्वजीत के खून के निशान रैली पर मिलते हैं तो पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को हादसे के तौर पर इन्वेस्टिगेट करेगी वहीं अगर रिपोर्ट को रेलिंग पर किसी तरीके के निशान नहीं मिलते हैं तो फिर विश्वजीत की मौत को हादसा बतापाना लखनऊ पुलिस के लिए कठिन हो जाएगा।





Conclusion:वियो

दोबारा कराई गई फॉरेंसिक जांच में सबूत मिलने की उम्मीद कम है क्योंकि जब दोबारा फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किए गए हैं तब तक बड़ी संख्या में लोग घर के अंदर व उन स्थानों पर पहुंच चुके थे जहां से सबूत मिलने की संभावनाएं थी। अगर घर की दीवार पर लगे लोहे की रॉड पर विश्वजीत पर खून के निशान नहीं मिलते हैं तो इस बात से गुरेज नहीं किया जा सकता कि विश्वजीत की हत्या की गई है


विवो

जिन परिस्थितियों में विश्वजीत की मौत हुई घटना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं रात को करीब 12 बजे अर्धनग्न अवस्था में अपनी मां के पास पहुंचे और बोले मां मैं बेड से गिर गया हूं मुझे बचा लो, विश्वजीत कि पेट व शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें लगी हुई थी। विश्वजीत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्वजीत को कई जगह गंभीर चोटें आई हैं चोटों की वजह से अधिक रक्तस्राव के चलते उनकी मौत हुई है।


इन सवालों के नहीं मिल रहे जवाब

विश्वजीत की मौत दुर्घटना या हत्या?

छत से गिरकर हुई मौत तो फिर लोहे की रॉड पर क्यों नहीं मिल रहे खून के निशान?

अर्धनग्न अवस्था में मां के पास क्यों पहुंचे विश्वजीत?

विश्वजीत ने मां से या क्यों कहा कि वह बेड से गिर गए?



संवाददाता
प्रशांत मिश्रा
90 2639 25 26
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.