लखनऊ : अस्पतालों में बदलते मौसम की वजह से वायरल फीवर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. आमतौर पर वायरल के केसों में बुखार ही आता है, लेकिन इस मौसम में इसके साथ ही उल्टी-दस्त की समस्या देखी जा रही है. इससे कई मामलों में मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है.
सरकारी अस्पतालों के आंकड़े बताते हैं कि रोजाना 70 से 80 मरीज बुखार व उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ भर्ती हो रहे हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 250 से 500 मरीज वायरल फीवर के भी आ रहे हैं. बलरामपुर अस्पताल की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि वैसे तो यहां की इमरजेंसी में विभिन्न बीमारियों से पीड़ित 100 से अधिक मरीज रोजाना भर्ती होते हैं. वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने से भर्ती होने वालों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. पिछले 10 दिन की बात करें तो बुखार के चार से पांच मरीज भर्ती होते थे, लेकिन इन दिनों करीब 20 से 25 मरीज तेज बुखार की शिकायत के साथ भर्ती हो रहे हैं. इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. सर्वेश सिंह के मुताबिक, 'बीते दिनों के मुकाबले वायरल फीवर के भर्ती मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है, वहीं अस्पताल की फीवर क्लीनिक में हर दिन करीब 200 से अधिक मरीज बुखार के आ रहे हैं.'
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में भी हर दिन 20 से अधिक बुखार के मरीज भर्ती हो रहे हैं. इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि 'बुखार के साथ ही उल्टी-दस्त के मरीज इन दिनों ज्यादा आ रहे हैं.' लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर भी बताते हैं कि 'बुखार व उल्टी-दस्त के करीब 15 से 20 मरीज इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं. ओपीडी में करीब 100 से अधिक मरीज बुखार के आ रहे हैं, वहीं बीआरडी महानगर में आठ से दस मरीज भर्ती हो रहे हैं. ओपीडी में करीब 50 से 60 मरीज आ रहे हैं. ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में भी रोजाना करीब 50 से 60 मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं.'
बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. सर्वेश सिंह बताते हैं कि 'ये वायरल बुखार थोड़ा अलग है. मरीजों में बुखार 104 डिग्री तक आ रहा है. उल्टी-दस्त होने से लोगों को समस्या और बढ़ रही है. वह कहते हैं, मेरा मानना है कि गर्मी व उमस का कॉकटेल समस्या को बढ़ा रहा है, इसलिए सावधानी बरतें.'
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में पहुंच रहे करीब 100 मरीज : राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. धर्मेंद्र बताते हैं कि 'उनके यहां वायरल फीवर के रोजाना औसतन 100 मरीज आ रहे हैं. उन्हें सुदर्शन चूर्ण, संजीवनी वटी, गिलोय वटी, त्रिभुवन कीर्ति रस जैसी दवाओं का वितरण किया जा रहा है. तीन-चार दिन दवाओं के सेवन से बुखार से राहत मिल रही है. डॉ. धर्मेंद्र बताते हैं कि वायरल से बचाव के लिए काली मिर्च, तुलसी, सोंठ, अजवाइन का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पिएं. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.'