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पंचायत चुनाव 2021: सुनिए मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा के मतदाताओं की राय

यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. सरकार ने चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. सुनिए क्या कहते हैं मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा के मतदाता.

मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा के मतदाताओं की राय
मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा के मतदाताओं की राय
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Published : Feb 21, 2021, 9:10 AM IST

लखनऊ: राजधानी की तहसील मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा में आने वाली पंचायत चुनाव में क्या रहेगी गहमागहमी, इसको पता करने के लिए ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो लोगों में उत्साह तो दिखा, लेकिन कहीं न कहीं लोगों में विकास को लेकर रोष की भावना भी दिखी. वहीं महिलाओं में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की भावना भी उजागर हो रही थी. युवाओं का भी रुझान साफ देखने को मिल रहा था.

मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा के मतदाताओं की राय
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल फुंक चुका है. जोर शोर पर तैयारियां भी चल रही हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में कितना विकास हुआ है और ग्रामीणों की पंचायत चुनाव को लेकर क्या सोच है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र पहुंची, जहां हमने ग्रामीणों से खास बातचीत की है.राजधानी मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर ईटीवी भारत की टीम मरूई गांव पहुंची, जहां इस बार भारी परिवर्तन देखने को मिल सकता है. यहां लोगों ने पिछले पांच साल में विकास के नाम पर हो रहे छलावे को बर्दाश्त न करने की बात कही. वहीं दूसरी ओर लोगों ने कहा कि हम इस बार ग्राम पंचायत चुनाव में विकास के मुद्दे पर ही वोट देंगे, जो हमारे गांव और क्षेत्र का विकास करेगा, वही हमारे गांव का प्रतिनिधि बनेगा.चुनाव में इस बार विकास होगा मुद्दाईटीवी भारत से ग्रामीणों ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में विकास के नाम पर केवल वादे ही सुनने को मिलते रहे. गांव में नालियां तक नहीं बन सकीं, जिसकी वजह से लोगों को आज भी बरसात के मौसम में आने जाने में बहुत मुसीबतों को झेलना पड़ता है. वहीं कई ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्हें अब तक शौचालय तक नहीं मिल पाए हैं.युवाओं ने कहा होना चाहिए खेल का मैदानयुवाओं के दिल की यदि बात की जाए तो उनका भी दर्द छलक उठा. युवाओं का कहना है कि हमारी ग्राम पंचायत में एक भी खेल मैदान नहीं है, जिसके लिए युवा वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं. वहीं उन्होंने इस बारे में कई बार अपने ग्राम प्रधान से भी बात की है. लेकिन उन्हें बस आश्वासन ही मिला है.नहीं है शिक्षा की उचित व्यवस्थालोगों ने बताया कि उनके गांव में प्राइमरी स्कूल तो बने हुए हैं, लेकिन उनकी हालत बद से बदतर है. कहीं छत टपक रही है तो कहीं शौचालय और पानी की उचित व्यवस्था भी नहीं है. वहीं बच्चे केवल मिड डे मील के लिए ही स्कूल जाते हैं, लेकिन ज्ञान के नाम पर अगर देखा जाए तो शून्य है.जहां एक और पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोर शोर पर हैं, वहीं इस बार ग्रामीणों के मन में बदलाव देखने को मिल रहा है. इस बार ग्रामीण किसी छलावे में नहीं आएंगे ,बल्कि जो विकास करेगा उसे ही वोट देंगे.

लखनऊ: राजधानी की तहसील मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा में आने वाली पंचायत चुनाव में क्या रहेगी गहमागहमी, इसको पता करने के लिए ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो लोगों में उत्साह तो दिखा, लेकिन कहीं न कहीं लोगों में विकास को लेकर रोष की भावना भी दिखी. वहीं महिलाओं में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की भावना भी उजागर हो रही थी. युवाओं का भी रुझान साफ देखने को मिल रहा था.

मोहनलालगंज के मरूई ग्रामसभा के मतदाताओं की राय
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल फुंक चुका है. जोर शोर पर तैयारियां भी चल रही हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में कितना विकास हुआ है और ग्रामीणों की पंचायत चुनाव को लेकर क्या सोच है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र पहुंची, जहां हमने ग्रामीणों से खास बातचीत की है.राजधानी मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर ईटीवी भारत की टीम मरूई गांव पहुंची, जहां इस बार भारी परिवर्तन देखने को मिल सकता है. यहां लोगों ने पिछले पांच साल में विकास के नाम पर हो रहे छलावे को बर्दाश्त न करने की बात कही. वहीं दूसरी ओर लोगों ने कहा कि हम इस बार ग्राम पंचायत चुनाव में विकास के मुद्दे पर ही वोट देंगे, जो हमारे गांव और क्षेत्र का विकास करेगा, वही हमारे गांव का प्रतिनिधि बनेगा.चुनाव में इस बार विकास होगा मुद्दाईटीवी भारत से ग्रामीणों ने बातचीत करते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में विकास के नाम पर केवल वादे ही सुनने को मिलते रहे. गांव में नालियां तक नहीं बन सकीं, जिसकी वजह से लोगों को आज भी बरसात के मौसम में आने जाने में बहुत मुसीबतों को झेलना पड़ता है. वहीं कई ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्हें अब तक शौचालय तक नहीं मिल पाए हैं.युवाओं ने कहा होना चाहिए खेल का मैदानयुवाओं के दिल की यदि बात की जाए तो उनका भी दर्द छलक उठा. युवाओं का कहना है कि हमारी ग्राम पंचायत में एक भी खेल मैदान नहीं है, जिसके लिए युवा वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं. वहीं उन्होंने इस बारे में कई बार अपने ग्राम प्रधान से भी बात की है. लेकिन उन्हें बस आश्वासन ही मिला है.नहीं है शिक्षा की उचित व्यवस्थालोगों ने बताया कि उनके गांव में प्राइमरी स्कूल तो बने हुए हैं, लेकिन उनकी हालत बद से बदतर है. कहीं छत टपक रही है तो कहीं शौचालय और पानी की उचित व्यवस्था भी नहीं है. वहीं बच्चे केवल मिड डे मील के लिए ही स्कूल जाते हैं, लेकिन ज्ञान के नाम पर अगर देखा जाए तो शून्य है.जहां एक और पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोर शोर पर हैं, वहीं इस बार ग्रामीणों के मन में बदलाव देखने को मिल रहा है. इस बार ग्रामीण किसी छलावे में नहीं आएंगे ,बल्कि जो विकास करेगा उसे ही वोट देंगे.
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