लखनऊ : बसपा शासनकाल के बहुचर्चित 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में आरोपी उप्र राजकीय निर्माण निगम के पूर्व एमडी सीपी सिंह के लॉकर का विजिलेंस ने चेक किया. सूत्रों के मुताबिक, दो दिनों की छापेमारी के दौरान एजेंसी को संपत्ति व कंपनियों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं. विजिलेंस ने सीपी सिंह के खिलाफ मंगलवार को ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज की थी.
लोकायुक्त जांच में हुआ था 1400 करोड़ के घोटाला का खुलासा : दरअसल, लोकायुक्त संगठन ने सबसे पहले बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले की जांच की थी. इसकी रिपोर्ट मई 2013 में सरकार को सौंपी गई थी, जिसमें सामने आया था कि यह घोटाला 1400 करोड़ रुपयों का था. लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में एसआईटी गठित कर घोटाले की विस्तृत जांच कराने समेत अन्य संस्तुतियां की थीं, जिसके बाद गृह विभाग ने इस घोटाले की जांच सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) को सौंपी थी. इसके बाद विजिलेंस ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में 1 जनवरी 2014 को घोटाले की पहली FIR दर्ज कराई थी. इसमें बसपा सरकार के तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बाबू सिंह कुशवाहा भी नामजद थे. इसके अलावा तत्कालीन अधिकारियों समेत 199 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.
घर पर मिलीं लग्जरी कारें : सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस की खुली जांच में तत्कालीन उप्र राजकीय निर्माण निगम के तत्कलीन एमडी सीपी सिंह दोषी पाए गए थे. शासन से अनुमति मिलने पर विजिलेंस ने सीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था, जिसके बाद बुधवार व गुरुवार को गोमतीनगर के विश्वास खंड स्थित उनके आवास और महानगर स्थित दो प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान सीपी सिंह की लखनऊ, दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम व देहरादून समेत अन्य स्थानों पर संपत्तियां होने की जानकारी सामने आई है, वहीं घर पर एक जगुआर व बीएमडब्ल्यू कार भी मिली है, वहीं बैंक लॉकर्स से कई संपत्तियों व कंपनियों के दस्तावेज मिले हैं.
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