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IPS अधिकारी हिमांशु कुमार की भी विजलेंस जांच समाप्त, जानिए पूरा मामला

साल 2019 में नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. हिमांशु कुमार वर्तमान में मुरादाबाद स्थित 23वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के पद पर तैनात हैं.

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Published : Apr 3, 2023, 11:06 PM IST

लखनऊ : जौनपुर एसपी अजय पाल शर्मा के बाद अब आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को दी गई विजलेंस की क्लीन चिट को शासन ने स्वीकार करते हुई जांच समाप्त कर दी है. हिमांशु कुमार के खिलाफ ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर लाखों रुपये मांगने का आरोप था, जिसकी विजलेंस जांच कर रही थी. विजिलेंस ने जांच का दो बार परीक्षण कराया था, जिसमें आरोप सही नहीं पाए गए थे. अब राज्य सरकार ने विजलेंस की जांच को स्वीकार कर लिया है. माना जा रहा है कि मेरठ में दर्ज एफआईआर में अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी.

साल 2019 में नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों पर कथित पत्रकारों के साथ मिलकर तबादला रैकेट चलाने का सनसनीखेज आरोप लगाया था. जिसके बाद सरकार ने एसआईटी से इस मामले की जांच कराई थी, जिसमें तत्कालीन सतर्कता निदेशक समेत पांच सदस्य शामिल थे. एसआईटी ने दिसंबर 2019 को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी. इसमें आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार लगे आरोप सही पाए थे, जिसके बाद शासन के निर्देश पर मेरठ के विजलेंस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं.



विजलेंस ने अपनी जांच में बीते वर्ष अजय पाल शर्मा व हिमांशु कुमार को क्लीन चिट दे दी थी, जिसके बाद जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी. शासन ने पहले अजय पाल शर्मा की जांच को सही मानते हुए उन्हें जौनपुर में तैनाती दे दी थी. अब हिमांशु कुमार की जांच भी शासन स्तर से समाप्त कर दी गयी है. हिमांशु कुमार वर्तमान में मुरादाबाद स्थित 23वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के पद पर तैनात हैं.

लखनऊ : जौनपुर एसपी अजय पाल शर्मा के बाद अब आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को दी गई विजलेंस की क्लीन चिट को शासन ने स्वीकार करते हुई जांच समाप्त कर दी है. हिमांशु कुमार के खिलाफ ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर लाखों रुपये मांगने का आरोप था, जिसकी विजलेंस जांच कर रही थी. विजिलेंस ने जांच का दो बार परीक्षण कराया था, जिसमें आरोप सही नहीं पाए गए थे. अब राज्य सरकार ने विजलेंस की जांच को स्वीकार कर लिया है. माना जा रहा है कि मेरठ में दर्ज एफआईआर में अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी.

साल 2019 में नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों पर कथित पत्रकारों के साथ मिलकर तबादला रैकेट चलाने का सनसनीखेज आरोप लगाया था. जिसके बाद सरकार ने एसआईटी से इस मामले की जांच कराई थी, जिसमें तत्कालीन सतर्कता निदेशक समेत पांच सदस्य शामिल थे. एसआईटी ने दिसंबर 2019 को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी. इसमें आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार लगे आरोप सही पाए थे, जिसके बाद शासन के निर्देश पर मेरठ के विजलेंस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं.



विजलेंस ने अपनी जांच में बीते वर्ष अजय पाल शर्मा व हिमांशु कुमार को क्लीन चिट दे दी थी, जिसके बाद जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी. शासन ने पहले अजय पाल शर्मा की जांच को सही मानते हुए उन्हें जौनपुर में तैनाती दे दी थी. अब हिमांशु कुमार की जांच भी शासन स्तर से समाप्त कर दी गयी है. हिमांशु कुमार वर्तमान में मुरादाबाद स्थित 23वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के पद पर तैनात हैं.

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