लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की छवि लगातार उसके अपने ही कर्मचारी और अधिकारी धूमिल कर रहे हैं. पहले आलमबाग बस स्टेशन की तत्कालीन स्टेशन इंचार्ज का यात्री की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ. उसके बाद एक बस कंडक्टर का महिला को पीटते हुए वीडियो आया, फिर कैसरबाग बस स्टेशन पर यहां की एक नियमित परिचालक का एक युवती को पीटते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर दौड़ा और अब हाथरस डिपो की चलती बस में एक कंडक्टर का महिला के साथ गंदी बात करते हुए वीडियो वायरल हो गया. इससे रोडवेज की साख पर धब्बा लगा है. हाथरस डिपो की सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के सख्त निर्देश के बाद तत्काल कंडक्टर और ड्राइवर की संविदा समाप्त कर दी है.
हाथरस डिपो की सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि 'कुछ दिनों पूर्व बस से यात्री लखनऊ जा रहे थे. बस के परिचालक के साथ एक महिला थी. परिचालक ड्यूटी पर होते हुए भी एक अज्ञात महिला के साथ गलत काम कर रहा था. बस में बैठे हुए यात्रियों ने इसका विरोध किया तो परिचालक ने यात्रियों से भी अभद्रता की. वायरल वीडियो की घटना की गम्भीरता को तत्काल संज्ञान लेते हुए वीडियो की जांच स्टेशन प्रभारी, हाथरस से कराई गई. स्टेशन प्रभारी ने अपने पत्र से अवगत कराया कि हाथरस डिपो की बस पर 22 जून को संविदा परिचालक और संविदा चालक तैनात थे. इसके बाद दोनों को नौकरी से निकाल दिया गया है.'
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि 'इस तरह की घटना शर्मनाक है. ऐसी घटनाओं से परिवहन निगम की छवि खराब हो रही है. चालक-परिचालक को हटा दिया गया है. भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसे लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं.'