लखनऊ : कमीशनखोरी के मामले में चौथी बार नोटिस भेजने के बाद भी कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी विनय पाठक (Vice Chancellor Vinay Pathak) यूपी एसटीएफ के सामने बयान दर्ज कराने नही पहुंचे हैं. एसटीएफ ने पाठक को 20 दिसंबर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, लेकिन पाठक ने न बयान दर्ज कराया और न कोई जवाब दिया. सूत्रों के मुताबिक अब एसटीएफ विनय पाठक के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी करवाने के लिए कार्रवाई करेगी, वहीं दूसरी ओर एजेंसी को संतोष सिंह की गिरफ्तारी के बाद और भी कई अहम जानकारी मिली है.
आगरा की डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में परीक्षा से जुड़े ठेके में कमीशनखोरी मामले में विनय पाठक से एसटीएफ पूछताछ करना चाहती है. इसी के चलते विनय पाठक को 3 नोटिस भेजी गई थीं, लेकिन वो नहीं पहुंचे. ऐसे में एजेंसी ने आखिरी मोहलत देते हुए विनय पाठक को 20 दिसंबर को एसटीएफ मुख्यालय बुलाया था, वहीं हाल ही में गिरफ्तार हुए सत्यम सॉल्यूशन्स फर्म के डायरेक्टर संतोष सिंह से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ को कई अहम सुराग मिले हैं. वहीं कमीशनखोरी के मामले में अब तक गिरफ्तार हुए विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा व अजय जैन की कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी थी.
बता दें, लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनकी कंपनी साल 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. आंबेडकर यूनिवर्सिटी के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से विवि तक पहुंचाने का काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है. साल 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच साल 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपए का बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की थी, इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक तीन आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया है.
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