लखनऊ: उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के लिए राहत भरी खबर है. साल 2017-18 वैट अवधि के लंबित वादों के निस्तारण के समय में तीन महीने की बढ़ोतरी कर दी गई है. अभी तक इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च थी. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है. इससे वैट के लंबित वाद से जुड़े प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. अंतिम तिथि को लेकर व्यापारी और अधिवक्ता परेशान थे. व्यापारी कल्याण बोर्ड और लखनऊ व्यापार मंडल ने इस मुद्दे को लेकर आवाज मुखर की थी.
सरकार ने लिया फैसला
व्यापारी कल्याण बोर्ड और व्यापारी संगठनों की तरफ से उठाए गए इस मुद्दे में कहा गया था कि वैट कर के लंबित मामलों की अंतिम तिथि 31 मार्च है. इतने कम समय में वैट कर के लंबित मामलों में निर्णय करने की स्थिति नहीं बन पाएगी. व्यापारी वर्ग अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पाएगा. अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से एक पक्षीय निर्णय किया जाएगा. इसे देखते हुए प्रदेश के व्यापारी समाज को राहत देने की मांग की गई थी. इस मामले से प्रदेश के मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया गया. वाणिज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस. ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शासन तक इस मुद्दे को गंभीरता से रखा. शासन ने इस मुद्दे पर निर्णय लिया और आयुक्त ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए.
व्यापारियों को मिलेगी सहूलियत
अपर आयुक्त भूपेंद्र शुक्ला ने बताया अब इस तिथि को तीस जून तक बढ़ा दिया गया है. अपर मुख्य सचिव राज्य कर संजीव मित्तल के आदेशों से सूबे के वैट अवधि के व्यापारियों के लंबित वादों के निस्तारण में खासी राहत मिलेगी.
लखनऊ: तीन महीने बढ़ी वैट के कर निर्धारण की अंतिम तिथि
उत्तर प्रदेश सरकार ने वैट के कर निर्धारण की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है, जहां पहले इसकी अंतिन तिथि 31 मार्च थी वहीं अब आखिरी तिथि 30 जून कर दिया गया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के लिए राहत भरी खबर है. साल 2017-18 वैट अवधि के लंबित वादों के निस्तारण के समय में तीन महीने की बढ़ोतरी कर दी गई है. अभी तक इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च थी. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है. इससे वैट के लंबित वाद से जुड़े प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. अंतिम तिथि को लेकर व्यापारी और अधिवक्ता परेशान थे. व्यापारी कल्याण बोर्ड और लखनऊ व्यापार मंडल ने इस मुद्दे को लेकर आवाज मुखर की थी.
सरकार ने लिया फैसला
व्यापारी कल्याण बोर्ड और व्यापारी संगठनों की तरफ से उठाए गए इस मुद्दे में कहा गया था कि वैट कर के लंबित मामलों की अंतिम तिथि 31 मार्च है. इतने कम समय में वैट कर के लंबित मामलों में निर्णय करने की स्थिति नहीं बन पाएगी. व्यापारी वर्ग अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पाएगा. अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से एक पक्षीय निर्णय किया जाएगा. इसे देखते हुए प्रदेश के व्यापारी समाज को राहत देने की मांग की गई थी. इस मामले से प्रदेश के मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया गया. वाणिज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस. ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शासन तक इस मुद्दे को गंभीरता से रखा. शासन ने इस मुद्दे पर निर्णय लिया और आयुक्त ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए.
व्यापारियों को मिलेगी सहूलियत
अपर आयुक्त भूपेंद्र शुक्ला ने बताया अब इस तिथि को तीस जून तक बढ़ा दिया गया है. अपर मुख्य सचिव राज्य कर संजीव मित्तल के आदेशों से सूबे के वैट अवधि के व्यापारियों के लंबित वादों के निस्तारण में खासी राहत मिलेगी.