ETV Bharat / state

डिफेंस एक्सपो में खास है वरुणास्त्र, पानी में छिपे दुश्मनों की पनडुब्बियों पर करता है अचूक प्रहार

यूपी की राजधानी लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में कई हथियारों और मिसाइलों को प्रदर्शनी के लिए लगाया गया है. इनमें भारत में बनाया गया वरुणास्त्र सबसे खास है, जिस पर सभी की निगाहें टिक गईं. यह भारत में बना पहला हैवीवेट टारपीडो है, जो पानी में छिपने वाली पनडुब्बियों पर अचूक प्रहार करता है.

author img

By

Published : Feb 8, 2020, 2:46 AM IST

etv bharat
डिफेंस एक्सपो में हैवीवेट टारपीडो वरुणास्त्र.

लखनऊ: डिफेंस एक्सपो 2020 में तमाम बड़े हथियार प्रदर्शनी के लिए लगाए गए हैं. इनमें भारत में ही बनाए गए हैवीवेट टारपीडो वरूणास्त्र सबसे खास है. इसकी खासियत यह है कि दुश्मनों की पानी में छिपने वाली पनडुब्बियों पर यह बड़ा प्रहार करता है. इसे नेवल डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेबोरेटरी ने विकसित किया है. यह भारत में बना पहला हैवीवेट टारपीडो है. इसका इस्तेमाल फ्रीगेट्स, डिस्ट्रॉयर जैसे युद्धपोत के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में किया जाता है.

डिफेंस एक्सपो में खास है वरुणास्त्र.
600 मीटर की गहराई तक मार करने में सक्षमइस वरुणास्त्र की खास बात यह है कि यह पानी के अंदर से ही 600 मीटर की गहराई तक मार करने की क्षमता रखता है. इसकी रेंज 20 से 25 किलोमीटर तक है. इसका वजन करीब 1.6 टन है. यह अपने साथ 250 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाता है. यह अधिकतम टारगेट 74 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचाता है. टारपीडो के इतनी तेज रफ्तार के चलते दुश्मन के पनडुब्बी, समुद्री जहाजों को बचने का मौका नहीं मिलता.

रिमोट कंट्रोल गाइड सिस्टम से संचालित
वरुणास्त्र की एक और खास बात यह है कि यह अत्यंत ही ऑटोमेटिक और रिमोट कंट्रोल गाइड सिस्टम से संचालित होता है. एक बार फायर किए जाने के बाद यह अपने टारगेट का पीछा करने लगता है और उसको नष्ट करके ही दम लेता है. इसे पानी में आगे बढ़ने के लिए हाई एनर्जी यानी जेएन प्रोपल्शन बैटरी से काफी अधिक ताकत मिलती है. इसे इंडियन नेवी में शामिल किया गया है.

वरुणास्त्र सबसे अच्छा प्रोडक्ट रहा है. इसे भारतीय स्वदेशी तकनीक से लैस किया गया है. इंडियन नेवी में इसे शामिल किया गया है. यह हैवीवेट टारपीडो में गिना जाता है. दुश्मन के किसी भी नेवी शिप या पनडुब्बियों को मार गिराने में सक्षम है. इसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है. इसमें सभी प्रोडक्ट स्वदेशी हैं और इंडियन नेवी में शामिल किया गया है.
-सयान घोष, वरिष्ठ तकनीकी सहायक, डीआरडीओ

ये भी पढ़ें: डिफेंस एक्सपो: सेकेंडों में दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करती है 'सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल'

लखनऊ: डिफेंस एक्सपो 2020 में तमाम बड़े हथियार प्रदर्शनी के लिए लगाए गए हैं. इनमें भारत में ही बनाए गए हैवीवेट टारपीडो वरूणास्त्र सबसे खास है. इसकी खासियत यह है कि दुश्मनों की पानी में छिपने वाली पनडुब्बियों पर यह बड़ा प्रहार करता है. इसे नेवल डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेबोरेटरी ने विकसित किया है. यह भारत में बना पहला हैवीवेट टारपीडो है. इसका इस्तेमाल फ्रीगेट्स, डिस्ट्रॉयर जैसे युद्धपोत के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में किया जाता है.

डिफेंस एक्सपो में खास है वरुणास्त्र.
600 मीटर की गहराई तक मार करने में सक्षमइस वरुणास्त्र की खास बात यह है कि यह पानी के अंदर से ही 600 मीटर की गहराई तक मार करने की क्षमता रखता है. इसकी रेंज 20 से 25 किलोमीटर तक है. इसका वजन करीब 1.6 टन है. यह अपने साथ 250 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाता है. यह अधिकतम टारगेट 74 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचाता है. टारपीडो के इतनी तेज रफ्तार के चलते दुश्मन के पनडुब्बी, समुद्री जहाजों को बचने का मौका नहीं मिलता.

रिमोट कंट्रोल गाइड सिस्टम से संचालित
वरुणास्त्र की एक और खास बात यह है कि यह अत्यंत ही ऑटोमेटिक और रिमोट कंट्रोल गाइड सिस्टम से संचालित होता है. एक बार फायर किए जाने के बाद यह अपने टारगेट का पीछा करने लगता है और उसको नष्ट करके ही दम लेता है. इसे पानी में आगे बढ़ने के लिए हाई एनर्जी यानी जेएन प्रोपल्शन बैटरी से काफी अधिक ताकत मिलती है. इसे इंडियन नेवी में शामिल किया गया है.

वरुणास्त्र सबसे अच्छा प्रोडक्ट रहा है. इसे भारतीय स्वदेशी तकनीक से लैस किया गया है. इंडियन नेवी में इसे शामिल किया गया है. यह हैवीवेट टारपीडो में गिना जाता है. दुश्मन के किसी भी नेवी शिप या पनडुब्बियों को मार गिराने में सक्षम है. इसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है. इसमें सभी प्रोडक्ट स्वदेशी हैं और इंडियन नेवी में शामिल किया गया है.
-सयान घोष, वरिष्ठ तकनीकी सहायक, डीआरडीओ

ये भी पढ़ें: डिफेंस एक्सपो: सेकेंडों में दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करती है 'सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल'

Intro:एंकर
लखनऊ। डिफेंस एक्सपो 2020 में तमाम बड़े हथियार प्रदर्शनी के लिए लगाए गए इनमें खास बात यह है कि भारत में ही बनाए गए हैवीवेट टारपीडो वरूणास्त्र सबसे खास है। इसकी खासियत यह है कि दुश्मनों की पानी में छपने वाली पर पनडुब्बियों पर बड़ा प्रहार करता है। इसे लेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेबोरेटरी ने विकसित किया है। यह भारत में बना पहला हैवीवेट टारपीडो है यह पानी में छपने वाली पनडुब्बियों पर अचूक प्रहार करता है। इसका इस्तेमाल फ्रीगेट्स डिस्ट्रॉयर जैसे युद्धपोत के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में किया जाता है।



Body:इस वर्णाचित्र की खास बात यह है कि यह पानी के अंदर से ही 600 मीटर की गहराई तक मार करने की क्षमता रखता है इसका रेल 20 से 25 किलोमीटर तक है इसका वजन करीब 1 पॉइंट 6 टन है यह अपने साथ 250 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाता है यह अधिकतम टारगेट 74 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचाता है टारपीडो के इतनी तेज रफ्तार के चलते दुश्मन के पनडुब्बी समुद्री जहाजों को बचने का मौका नहीं मिलता।
वरुण अस्त्र की एक और खास बात है कि यह अत्यंत ही ऑटोमेटिक और रिमोट कंट्रोल गाइड सिस्टम से संचालित होता है एक बार फायर किए जाने के बाद यह अपने टारगेट का पीछा करने लगता है इसके साथ ही टारगेट बचने के लिए ऐसा बदलता है तो यह उसका पीछा करता है और उसके नष्ट करके ही दम लेता है इसे पानी में आगे बढ़ने के लिए हाई एनर्जी यानी जेएन प्रोपल्शन बैटरी से काफी अधिक ताकत मिलती है इंडियन नेवी में शामिल किया गया है।
बाईट, सयान घोष, वरिष्ठ तकनीकी सहायक डीआरडीओ
वरुणास्त्र सबसे अच्छा प्रोडक्ट रहा है वरुणास्त्र भारतीय स्वदेशी तकनीक से लैस किया गया है। इंडियन नेवी में इसे शामिल किया गया है यह हैवीवेट टारपीडो में गिना जाता है कोई भी दुश्मन के नेवी का शिप या पनडुब्बियों को मार गिराने में सक्षम है।इसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है इसमें सभी प्रोडक्ट स्वदेशी हैं और इंडियन नेवी में शामिल किया गया है।




Conclusion:धीरज त्रिपाठी 9453099555
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.