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यूपी के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण अनिवार्य, जानिए क्या आदेश किए गए जारी

उत्तर प्रदेश में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ ही उनके परिजनों का टीकाकरण भी अनिवार्य कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण के खतरे से छात्र-छात्राओं को सुरक्षित रखने के लिए ये कदम उठाए गए हैं.

शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण अनिवार्य
शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण अनिवार्य
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Published : Sep 2, 2021, 9:58 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों का भी टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है. इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिए हैं. निदेशक ने साफ कहा है कि स्कूल खुलने के साथ ही शिक्षकों और परिजनों का टीकाकरण अनिवार्य है. शिक्षकों के साथ कर्मचारियों और उनके परिवार का भी टीकाकरण कराना होगा. अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, परिषदीय, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों पर ये आदेश लागू होगा.

बेसिक शिक्षा निदेशक ने साफ कहा है कि शत प्रतिशत टीकाकरण अनिवार्य है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करके टीकाकरण कराने को कहा गया है.

बच्चों का खुला स्कूल
बच्चों का खुला स्कूल

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बीते मार्च महीने से बंद चल रहे स्कूलों को 1 सितंबर से लगभग पूरी तरह से खोल दिया गया है. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाया जा रहा है. इससे पहले दो चरणों में कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोले गए थे. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अभी तक सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है. बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करना आवश्यक है. इसी के मद्देनजर सभी का टीकाकरण कराने की प्रक्रिया शुरू की गई.

यह दिशानिर्देश स्कूलों पर है लागू

- स्कूल का संचालन एक पाली में सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक किया जाएगा. ऐसे स्कूल जहां छात्र संख्या अधिक है. वहां दो पारियों में कक्षाओं का संचालन किए जाने की अनुमति दी गई है.

- पठन- पाठन प्रारम्भ किये जाने के पूर्व विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की जायेगी. जिसमें विद्यालयों के संचालन तथा पठन - पाठन के सम्बना में व्यापक विचार दिनहा करते हुए अभिभावकों को बच्चों को विद्यालय में भेजने के लिए प्रेरित किया जाय.

- बैठक में कोविड-19 के रोकथाम एवं बचाव के लिए गठित निगरानी समिति के सदस्यों को भी आमंत्रित किया जायेगा.

- विद्यालय कैम्पस भवन एवं सभी कक्षाओं के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी भंडारकक्ष, पानी टंकी, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी आदि की सफाई कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.

- विद्यालय में हाथ धोने की समुचित सुविधा क्रियाशील की जायेगी.

- कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए गठित निगरानी समितियां जिनके पास डिजिटल थर्मल स्कैनर, ऑक्सीमीटर उपलब्ध हो, प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालय में यथाआवश्यक उपलब्धता करायी जायेगी.

- समस्त शिक्षकों छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों को विद्यालय अवधि में मास्क पहनना अनिवार्य होगा.

- समस्त शिक्षक/कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं हाथ धोकर और सेनेटाइज करके ही विद्यालय में प्रवेश करेंगे.

- गाईड लाईन के अनुसार छात्र-छात्राओं के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की जायेगी. अगर विद्यालय में एक सीट का बेंच डेस्क हो तो इसे भी 06 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जायेगी.

- इसी प्रकार शिक्षक के स्टॉफ रूम/कार्यालय/ आगत कक्ष में भी 06 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था चिन्हित की जायेगी.

- विद्यालय के प्रवेश एवं निकास द्वार को भी विभिन्न कक्षाओं के अनुसार कमवार समय आवंटित करते हुए आने एवं जाने के लिए चिन्हित किया जायेगा. विद्यालय के सभी गेट को आगमन एवं प्रस्थान के समय खुला रखा जाय. ताकि एक जगह भीड़ एकत्रित न हो सके.

-जहां सम्भव हो पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग अभिभावक/विद्यार्थी के लिए किया जाये.

- प्राथमिक विद्यालय के वर्गकक्ष/बाहरी नोटिस बोर्ड/दीवार पर सामाजिक दूरी का पालन करने/मास्क लगाने/सेनेटाइजेशन/ हाथ सफाई / यत्र-तत्र थूकने से प्रतिबंध के संबंध में मुद्रित पोस्टर का प्रदर्शन किया जाये.

इसे भी पढ़ें- राधा कृष्ण की वेशभूषा में पहुंचे हिंदूवादियों को नहीं मिली ताजमहल में एंट्री, किया प्रदर्शन

- छात्र/छात्राओं के विद्यालय उपस्थिति के पूर्व माता-पिता/अभिभावक से अनिवार्य रूप से सहमति ले ली जाय. अगर विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर से ही अध्ययन करना चाहते हैं, तो उन्हें अनुमति दी जाये.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों का भी टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है. इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिए हैं. निदेशक ने साफ कहा है कि स्कूल खुलने के साथ ही शिक्षकों और परिजनों का टीकाकरण अनिवार्य है. शिक्षकों के साथ कर्मचारियों और उनके परिवार का भी टीकाकरण कराना होगा. अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, परिषदीय, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों पर ये आदेश लागू होगा.

बेसिक शिक्षा निदेशक ने साफ कहा है कि शत प्रतिशत टीकाकरण अनिवार्य है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करके टीकाकरण कराने को कहा गया है.

बच्चों का खुला स्कूल
बच्चों का खुला स्कूल

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बीते मार्च महीने से बंद चल रहे स्कूलों को 1 सितंबर से लगभग पूरी तरह से खोल दिया गया है. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाया जा रहा है. इससे पहले दो चरणों में कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोले गए थे. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अभी तक सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है. बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करना आवश्यक है. इसी के मद्देनजर सभी का टीकाकरण कराने की प्रक्रिया शुरू की गई.

यह दिशानिर्देश स्कूलों पर है लागू

- स्कूल का संचालन एक पाली में सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक किया जाएगा. ऐसे स्कूल जहां छात्र संख्या अधिक है. वहां दो पारियों में कक्षाओं का संचालन किए जाने की अनुमति दी गई है.

- पठन- पाठन प्रारम्भ किये जाने के पूर्व विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की जायेगी. जिसमें विद्यालयों के संचालन तथा पठन - पाठन के सम्बना में व्यापक विचार दिनहा करते हुए अभिभावकों को बच्चों को विद्यालय में भेजने के लिए प्रेरित किया जाय.

- बैठक में कोविड-19 के रोकथाम एवं बचाव के लिए गठित निगरानी समिति के सदस्यों को भी आमंत्रित किया जायेगा.

- विद्यालय कैम्पस भवन एवं सभी कक्षाओं के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी भंडारकक्ष, पानी टंकी, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी आदि की सफाई कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.

- विद्यालय में हाथ धोने की समुचित सुविधा क्रियाशील की जायेगी.

- कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए गठित निगरानी समितियां जिनके पास डिजिटल थर्मल स्कैनर, ऑक्सीमीटर उपलब्ध हो, प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालय में यथाआवश्यक उपलब्धता करायी जायेगी.

- समस्त शिक्षकों छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों को विद्यालय अवधि में मास्क पहनना अनिवार्य होगा.

- समस्त शिक्षक/कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं हाथ धोकर और सेनेटाइज करके ही विद्यालय में प्रवेश करेंगे.

- गाईड लाईन के अनुसार छात्र-छात्राओं के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की जायेगी. अगर विद्यालय में एक सीट का बेंच डेस्क हो तो इसे भी 06 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जायेगी.

- इसी प्रकार शिक्षक के स्टॉफ रूम/कार्यालय/ आगत कक्ष में भी 06 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था चिन्हित की जायेगी.

- विद्यालय के प्रवेश एवं निकास द्वार को भी विभिन्न कक्षाओं के अनुसार कमवार समय आवंटित करते हुए आने एवं जाने के लिए चिन्हित किया जायेगा. विद्यालय के सभी गेट को आगमन एवं प्रस्थान के समय खुला रखा जाय. ताकि एक जगह भीड़ एकत्रित न हो सके.

-जहां सम्भव हो पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग अभिभावक/विद्यार्थी के लिए किया जाये.

- प्राथमिक विद्यालय के वर्गकक्ष/बाहरी नोटिस बोर्ड/दीवार पर सामाजिक दूरी का पालन करने/मास्क लगाने/सेनेटाइजेशन/ हाथ सफाई / यत्र-तत्र थूकने से प्रतिबंध के संबंध में मुद्रित पोस्टर का प्रदर्शन किया जाये.

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- छात्र/छात्राओं के विद्यालय उपस्थिति के पूर्व माता-पिता/अभिभावक से अनिवार्य रूप से सहमति ले ली जाय. अगर विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर से ही अध्ययन करना चाहते हैं, तो उन्हें अनुमति दी जाये.

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