लखनऊ : प्रदेश सरकार द्वारा निशुल्क वैक्सीनेशन कैंप (Vaccination centers) पिछले डेढ़ साल से चलाया जा रहा है. इसमें निशुल्क किसी भी उम्र के लोग अपना वैक्सीनेशन करा सकते हैं, लेकिन मौजूदा समय में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी हो गई है. बलरामपुर, लोकबंधु अस्पताल, सिविल अस्पताल, झलकारीबाई अस्पताल में वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए हैं. वायरस का असर कम होने के बाद लोगों ने वैक्सीन लगवानी बंद कर दी है. आलम यह है कि अब केंद्रों में ऐसे लोग काफी पहुंच रहे हैं, जिन्होंने पहली वैक्सीन तक नहीं लगवाई है.
सिविल अस्पताल की वैक्सीनेशन सेंटर में ड्यूटी कर रहीं दीक्षा सिंह ने बताया कि अभी नहीं बल्कि पिछले कुछ महीनों से वैक्सीनेशन की गति धीमी है. वैक्सीनेशन कराने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं. हम ड्यूटी करने के लिए आए हैं पूरा दिन यहां पर बैठते हैं, लेकिन दिन में चार या पांच लोग ही वैक्सीनेशन कराने के लिए आते हैं. सिविल अस्पताल में को-वैक्सीन उपलब्ध है. अस्पताल में सुबह 8:00 से 2:00 तक और 2:00 बजे से 6:00 बजे तक वैक्सीन लगती है. कोविड महामारी को लेकर एक बार फिर प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी किया है, हालांकि यूपी में मौजूदा समय में 1.68 का पॉजिटिविटी रेट है, वहीं रिकवरी रेट 98.9 है. फिलहाल रिपोर्ट में राज्य के महज 23 जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, वहीं बाकी 52 जिलों में कोरोना का कोई भी एक्टिव केस नहीं है. राजधानी लखनऊ में बुधवार को किसी नए मरीज के पॉजिटिव होने की पुष्टि नहीं हुई है, जबकि यहां एक्टिव केस की संख्या दो है. राजधानी के सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन लगवाने के लिए लोग नहीं पहुंचते हैं.
सिविल अस्पताल के वैक्सीनेशन नोडल अधिकारी व वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि कोविड वायरस को हराना है तो सबसे महत्वपूर्ण है सावधानी. आम जनमानस को खुद जागरूक रहना है. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना है. उन्होंने बताया कि कोविड वायरस का प्रभाव कम होने पर लोगों ने भी सावधानी बरतनी कम कर दी है. ऐसा बिल्कुल भी न करें. अब जितने भी कोविड के वैरिएंट आएंगे सभी के साथ हमें रहने की आदत डालनी होगी. वैक्सीनेशन को लेकर भी लोगों को जागरूक होना है. बहुत सारे लोगों ने अभी भी वैक्सीन नहीं लगवाई है. ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा निशुल्क वैक्सीन सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है, वहां जाकर वैक्सीनेशन कराएं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या काफी कम है. खासकर बूस्टर डोज और बच्चों की वैक्सीन लगवाने वालों की कमी देखी गई है. वैक्सीनेशन सेंटर में स्टाफ पूरा दिन रहते हैं वैक्सीन भी निशुल्क उपलब्ध है. अभिभावकों को बच्चों को लेकर वैक्सीन लगवाने के लिए जरूर आना चाहिए. प्रदेश में अब तक कुल 12 करोड़ 66 लाख 79 हजार 241 सैंपल की जांच की गई. 21 लाख 28 हजार 87 लोग संक्रमित हुए हैं, वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या 23 हजार 633 रही है. बीते बुधवार को 5574 लोगों का टीकाकरण किया गया. प्रदेश में अब तक कुल 39 करोड़ 5 लाख 61 हजार 262 कोविड वैक्सीन की डोज दी गई है, जिनमें से 3 हजार 617 बूस्टर डोज रही.
उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 14.77 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी है, वहीं बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या 4.48 करोड़ है. बड़ी बात ये है कि 12 साल से 17 साल के बीच के 90 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों में भी कोरोना की दोनों डोज लग चुकी हैं. हर लिहाज से यह वो आंकडे़ हैं, जो राहत देने के साथ उम्मीद जगाते हैं कि प्रदेश में दूसरी लहर से पहले से हम ज्यादा मजबूत और बेहतर स्थिति में हैं, हालांकि एक्सपर्ट्स अभी भी किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की बात कह रहे हैं. राजधानी में अब तक महज 25 फीसदी को ही बूस्टर डोज लगी है. दरअसल, मौजूद समय में एसजीपीजीआई, केजीएमयू और लोकबंधु अस्पताल में वैक्सीन खत्म हो गई है, हालांकि अगले तीन-चार दिनों में इन अस्पतालों में बूस्टर डोज लगनी शुरू हो जाएगी.
सीएमओ मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा बूस्टर डोज लगाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. शासन की ओर से दिशा-निर्देश आने के बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी, वहीं एसजीपीजीआई के सीएमएस डाॅ. गौरव अग्रवाल के मुताबिक, 7 से 8 माह से कोरोना के मामले कम होने से लोगों में बूस्टर डोज के प्रति रुझान कम हो गया था. ऐसे में सेंटर पर रखी वैक्सीन खराब होने लगती हैं. नए साल पर जिन वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, वहां पर वैक्सीन उपलब्ध होंगी.