लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी का रिटायरमेंट 30 जून 2021 को है. ऐसे में नए डीजीपी के नाम पर कयासों का दौर शुरू हो गया है. अगले साल के शुरुआती महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में नए डीजीपी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. फिलहाल हितेश चंद्र अवस्थी के बाद इस कुर्सी के कई दावेदार हैं. लेकिन इनमें से कौन इसका हकदार बनेगा, इसका खुलासा 30 जून को ही होगा. सरकार वरिष्ठता को प्राथमिकता देती है या फिर दूसरे समीकरणों को ये आने वाला समय बताएगा.
टॉप 5 दावेदार, हर समीकरण में फिट
आरपी सिंह
डीजी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) और एसआईटी के पद पर तैनात वर्ष 1987 बैच के अफसर आरपी सिंह इस दौड़ में शामिल हैं. बीते दो सालों के दौरान ईओडब्ल्यू और एसआईटी की कई अहम जांचों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके चर्चा में आए आरपी सिंह इस कुर्सी के अहम दावेदारों में से एक हैं. इनकी तैनाती से पहले ये दोनों ही इकाइयां लगभग निष्क्रिय पड़ी हुई थीं और जांचें लंबे समय से अटकी हुई थीं. पावर कॉरपोरेशन, पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, मदरसों में फर्जीवाड़ा जैसी जांचों में इनकी तेज कार्रवाई नजीर बनी. आरपी सिंह का फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है.
आरके विश्वकर्मा
डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा का नाम भी इस दौड़ में शामिल है. साल 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा का मई 2023 में रिटायरमेंट है. तेजतर्रार अफसरों में इनकी गिनती की जाती है. 112 यूपी प्रॉजेक्ट को जमीन पर उतारने में इनकी भी अहम भूमिका रही है. सरकार की जातीय समीकरण की राजनीति के लिहाज से भी इनकी दावेदारी टॉप 5 अफसरों में आती है.
डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान
दावेदारों में इसी बैच के अफसर डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान भी शामिल हैं. वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. इनका रिटायरमेंट मार्च 2023 में होना है. सरकार अगर वरिष्ठता को अनदेखा करती है, तो टॉप फाइव दावेदारों में इनका भी नंबर है.
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अनिल कुमार अग्रवाल
साल 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल की दावेदारी है. वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और मिनिस्ट्री आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में तैनात हैं. हाल ही में इनका सचिव स्तर पर केंद्र में इम्पैनलमेंट हुआ है. सपा सरकार में इनकी ही देख रेख में 112 यूपी प्रॉजेक्ट जमीन पर आया. लंबे समय तक वह एडीजी डायल 100 के पद पर रहे. अप्रैल 2023 में इनका रिटायरमेंट है.
आनंद कुमार
दावेदारों में आखिरी नंबर पर नाम है डीजी जेल आनंद कुमार का. साल 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे. दावेदारों में सबसे ज्यादा समय इनके पास ही है. कई मामलों के लिए बदनाम यूपी की जेलों को इन्होंने सुधारने में बड़े पैमाने पर काम किया है. वर्तमान सरकार में लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका रही. दावेदारों में टॉप फाइव में इनकी चर्चा है.
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नियमानुसार, ये भी प्रबल दावेदार
आइपीएस अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के बाद 1985 बैच के ही आइपीएस अधिकारी अरुण कुमार का नाम है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर डीजी आरपीएफ के पद पर तैनात अरुण कुमार का कार्यकाल भी अगले महीने पूरा हो रहा है. इसके बाद 1986 बैच में आइपीएस अधिकारी नासिर कमाल और सुजानवीर सिंह के नाम हैं. नासिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वर्तमान में डीजी एलएनजेएन, एनआईसीएफएस के पद पर तैनात हैं. इनका रिटायरमेंट जुलाई 2022 में है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल का नाम भी चर्चा में है. जबकि, साल 1987 बैच के ही विश्वजीत महापात्रा को नाराजगी के चलते इन्हें डीजी सीबीसीआईडी के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है. सरकार बनने के बाद इन्हें वीवीआईपी वाराणसी जोन का एडीजी बनाया गया था. लेकिन वर्तमान में सीएम की नाराजगी के चलते इनकी दावेदारी काफी कमजोर मानी जा रही है. जुलाई 2022 में इनका रिटायरमेंट है. वहीं, साल 1987 बैच के गोपाल लाल मीणा का है. वर्तमान में यह डीजी राज्य मानवाधिकार आयोग के पद पर तैनात हैं और जनवरी 2023 में इनका रिटायरमेंट है. लेकिन इनको भी सीएम की नाराजगी के बाद डीजी होमगार्ड के पद से हटाया गया था.