लखनऊः महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानि की मनरेगा में रोजगार मुहैया कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल रंग लाने लगी है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना संकट के दौरान देश के अन्य राज्यों से वापस आए लोगों को उनके गांव और कस्बे के पास मनरेगा में रोजगार देने की जो मुहिम चलाई गई. जिसके चलते अब नए साल में उत्तर प्रदेश मनरेगा योजना में सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराने वाला राज्य बन जाएगा.
20 लाख से अधिक मजदूरों के पंजीकरण का लक्ष्य
मनरेगा के आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले 20 लाख से अधिक श्रमिकों का नए साल में श्रम विभाग में पंजीकरण कराने वाला देश का पहला राज्य भी बनेगा. सूबे के श्रम विभाग में पंजीकृत होने वाले श्रमिकों और उनके परिवार को 17 योजनाओं का लाभ मिलेगा. इससे सूबे के बीस लाख श्रमिकों के जीवन में बदलाव आएगा.
श्रमिकों को इन योनजाओं का मिलेगा लाभ
मनरेगा में एक साल में 100 दिन काम करने वाले श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराने का प्रावधान है. श्रम विभाग में पंजीकृत होने के बाद हर श्रमिक परिवार को श्रमिक मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, शिशु हित लाभ योजना, निर्माण कामगार बालिका मदद योजना, भोजन सहायता योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, कन्या विवाह योजना और आवास सहायता योजना सहित 17 योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.
रोजगार मुहैया कराने के प्रयास जारी
मनरेगा के आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि राज्य में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इस साल अब तक मनरेगा में 85 लाख परिवारों के एक करोड़ 4 लाख 70 हजार से ज्यादा श्रमिकों को काम दिया गया है. जो अपने में एक रिकार्ड है.