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घाटे से उबरने के लिए नौ होटलों को लीज पर देगा पर्यटन निगम

प्राइवेटाइजेशन की कड़ी में उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम ने भी अपने होटलों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित कर लिया गया है.

उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम
उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम
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Published : Mar 25, 2021, 7:18 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 11:00 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम प्राइवेटाइजेशन की राह पर चल पड़ा है. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम अपने होटलों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी भी कर रहा है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित भी कर लिया गया है. जिन्हें जल्द ही पब्लिक सेक्टर को दिया जाएगा, जिससे पर्यटन निगम को इसका लाभ मिल सके.

उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के पूरे प्रदेश भर में 37 होटल हैं.

पांच साल के लिए दिए जाएंगे होटल
उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के पूरे प्रदेश भर में 37 होटल हैं. इन होटलों में कई होटलों से जहां पर्यटन निगम को फायदा होता है, वहीं कई ऐसे होटल हैं जिनसे नुकसान भी होता है. ऐसे में घाटे के सौदे से निपटने के लिए पर्यटन निगम अपने होटलों को निजीकरण करने की तैयारी में लगा हुआ है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित कर लिया गया है. जिन्हें निजी हाथों में पांच साल के लिए सौंपा जाएगा. इसकी कुछ शर्तें भी होंगी.

उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को होगा फायदा
पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में देने के सवाल पर उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि विगत 40 वर्षों से हम लोगों का अच्छा अनुभव रहा है. समय के साथ-साथ पर्यटकों की भी इच्छाएं बदल रही हैं इसलिए हम लोग एक नया प्रयोग कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के नव होटलों को निजी हाथों में सौंपने पर काम किया जा रहा है. निश्चित रूप से इसका फायदा उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को मिलेगा.

इन होटलों का होगा निजी करण
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह का कहना है कि प्रदेश में पर्यटन निगम के 37 होटल हैं. इनमें नौ होटलों को निजी हाथों में सौंपने पर काम शुरू हो गया है. यह आगरा, झांसी, गढ़मुक्तेश्वर, गोपीगंज, गाजीपुर, दोहरीघाट, मऊ, बरेली व बदायूं के होटल हैं.

यह होंगी शर्तें
शिवपाल सिंह का कहना है कि पर्यटन निगम जिन होटलों को निजी हाथों में दे रहा है. उसमें शर्तें भी होंगी. शर्त के अनुसार इन होटलों में न तो कोई कंस्ट्रक्शन किया जा सकता है और न ही कोई तोड़फोड़ की जा सकती है. इसके साथ ही यहां रेस्टोरेंट इवेंट, कथा भागवत प्रदर्शनी और बार की सुविधा दी जा सकती है, जिससे पर्यटकों का आना जाना बढ़े.

अच्छे लाभ की उम्मीद
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह का कहना है कि जिस तरह से प्रदेश के नौ होटलों को निजी हाथों पर सौंपा जा रहा है. निश्चित रूप से इससे प्रदेश के पर्यटन को फायदा होगा. इन होटलों से आय भी बढ़ेगी, जिसका लाभ उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को भी मिलेगा. प्रबंध निदेशक का कहना है कि यह एक नया प्रयोग है. यदि इसमें पर्यटन निगम सफल होता है तो प्रदेश के सभी होटलों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा.

यह भी पढ़ेंः कानपुर में निजी स्कूल ने तीन गुना बढ़ाई फीस, अभिभावकों ने किया हंगामा

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के प्रदेश भर में 37 होटल हैं पर इसे कर्मचारियों की लापरवाही कहें या मैनेजमेंट की अव्यवस्था, जिस कारण उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के होटल घाटे में चल रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि आगरा का पर्यटन विभाग का होटल जिससे ताज का दीदार होता है. वह होटल भी घाटे में चल रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम अपने इन होटलों को लेकर कितना गंभीर है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम प्राइवेटाइजेशन की राह पर चल पड़ा है. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम अपने होटलों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी भी कर रहा है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित भी कर लिया गया है. जिन्हें जल्द ही पब्लिक सेक्टर को दिया जाएगा, जिससे पर्यटन निगम को इसका लाभ मिल सके.

उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के पूरे प्रदेश भर में 37 होटल हैं.

पांच साल के लिए दिए जाएंगे होटल
उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के पूरे प्रदेश भर में 37 होटल हैं. इन होटलों में कई होटलों से जहां पर्यटन निगम को फायदा होता है, वहीं कई ऐसे होटल हैं जिनसे नुकसान भी होता है. ऐसे में घाटे के सौदे से निपटने के लिए पर्यटन निगम अपने होटलों को निजीकरण करने की तैयारी में लगा हुआ है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित कर लिया गया है. जिन्हें निजी हाथों में पांच साल के लिए सौंपा जाएगा. इसकी कुछ शर्तें भी होंगी.

उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को होगा फायदा
पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में देने के सवाल पर उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि विगत 40 वर्षों से हम लोगों का अच्छा अनुभव रहा है. समय के साथ-साथ पर्यटकों की भी इच्छाएं बदल रही हैं इसलिए हम लोग एक नया प्रयोग कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के नव होटलों को निजी हाथों में सौंपने पर काम किया जा रहा है. निश्चित रूप से इसका फायदा उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को मिलेगा.

इन होटलों का होगा निजी करण
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह का कहना है कि प्रदेश में पर्यटन निगम के 37 होटल हैं. इनमें नौ होटलों को निजी हाथों में सौंपने पर काम शुरू हो गया है. यह आगरा, झांसी, गढ़मुक्तेश्वर, गोपीगंज, गाजीपुर, दोहरीघाट, मऊ, बरेली व बदायूं के होटल हैं.

यह होंगी शर्तें
शिवपाल सिंह का कहना है कि पर्यटन निगम जिन होटलों को निजी हाथों में दे रहा है. उसमें शर्तें भी होंगी. शर्त के अनुसार इन होटलों में न तो कोई कंस्ट्रक्शन किया जा सकता है और न ही कोई तोड़फोड़ की जा सकती है. इसके साथ ही यहां रेस्टोरेंट इवेंट, कथा भागवत प्रदर्शनी और बार की सुविधा दी जा सकती है, जिससे पर्यटकों का आना जाना बढ़े.

अच्छे लाभ की उम्मीद
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह का कहना है कि जिस तरह से प्रदेश के नौ होटलों को निजी हाथों पर सौंपा जा रहा है. निश्चित रूप से इससे प्रदेश के पर्यटन को फायदा होगा. इन होटलों से आय भी बढ़ेगी, जिसका लाभ उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को भी मिलेगा. प्रबंध निदेशक का कहना है कि यह एक नया प्रयोग है. यदि इसमें पर्यटन निगम सफल होता है तो प्रदेश के सभी होटलों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा.

यह भी पढ़ेंः कानपुर में निजी स्कूल ने तीन गुना बढ़ाई फीस, अभिभावकों ने किया हंगामा

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के प्रदेश भर में 37 होटल हैं पर इसे कर्मचारियों की लापरवाही कहें या मैनेजमेंट की अव्यवस्था, जिस कारण उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के होटल घाटे में चल रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि आगरा का पर्यटन विभाग का होटल जिससे ताज का दीदार होता है. वह होटल भी घाटे में चल रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम अपने इन होटलों को लेकर कितना गंभीर है.

Last Updated : Mar 25, 2021, 11:00 PM IST
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