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बिजली विभाग का हेल्पलाइन नंबर लगता ही नहीं तो उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा मुआवजे का लाभ

बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को राहत देने के नाम के पर मुआवजा समेत तमाम दावे किए हैं. वास्तव में यह वादे केवल कागजी ही हैं. दरअसल विभाग की व्यवस्था इतनी लचर है कि कोई भी उपभोक्ता इनके वादों के दायरे में आ ही नहीं सकता है.

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Published : Jun 19, 2023, 7:14 PM IST

बिजली विभाग का हेल्पलाइन नंबर लगता ही नहीं. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन ने उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा नीति लागू की है. अलग-अलग तरह की शिकायतों पर मुआवजा की राशि निर्धारित की गई है. उपभोक्ता को मुआवजा तभी मिल पाएगा जब उसने अपनी शिकायत मध्यांचल कस्टमर केयर के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर दर्ज कराई हो. अब सबसे बड़ी समस्या यही आ रही है कि मुआवजे का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा भी तो कैसे जब हेल्पलाइन का नंबर ही नहीं मिलता. घंटों उपभोक्ता 1912 डायल का नंबर मिलाते रह जाते हैं, लेकिन कस्टमर केयर का नंबर लगता ही नहीं. परेशान होकर उपभोक्ता फोन रख देता है और शिकायत दर्ज कराने का ख्वाब ही छोड़ देता है. इससे बिजली विभाग को यह लाभ है कि जब शिकायत नहीं दर्ज होगी तो मुआवजे का भार विभाग पर पड़ेगा ही नहीं.

बिजली विभाग का दावा.
बिजली विभाग का दावा.


घंटों फोन मिलाने पर भी नहीं लगती काल

अगर बिजली गुल हो जाए या फिर अन्य तरह की समस्या को लेकर उपभोक्ता मध्यांचल कस्टमर केयर के हेल्पलाइन 19:12 पर फोन करें तो घंटों कॉल करने पर भी अगर सहायता मिल जाए तो सौभाग्य ही समझिए, नहीं तो घंटों फोन मिलाने पर भी कस्टमर केयर का फोन लगता ही नहीं है. यही नहीं कई बार तो रात के समय अगर फोन लगाया जाता है तो 19:12 पर कॉल करने का पुलिस हैडक्वाटर के डायल 112 पर काल लग जाती है. ऐसे में उपभोक्ता कस्टमर केयर पर फोन लगाने से ही कतराने लगे है.

बिजली विभाग में घाटा.
बिजली विभाग में घाटा.
बिजली कंपनियों का कारनामा.
बिजली कंपनियों का कारनामा.

हर शिकायत पर मिलना है मुआवजा

-घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए 50 रुपये प्रति दिन.
-काल सेन्टर से रिस्पान्स न मिलने और शिकायत नंबर न देने पर 50 रुपये.
-श्रेणी एक शहरी क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे.
-ग्रामीण क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर 10 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे.
-सामान्य फ्यूज उड़ने पर 50 रुपये प्रतिदिन
-ओवरहेड लाइन भूमिगत केबल पर 100 रुपये प्रति दिन
-ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर 150 रुपये प्रतिदिन.
-ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत पर 100 रुपये प्रतिदिन
-वोल्टेज के लिए उपकेन्द्र की जरूरत पर 250 रुपये प्रतिदिन
-छह फीसद कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर 50 रुपये प्रतिदिन
-नौ फीसद कम व छह फीसद ज्यादा हाइवोल्टेज पर 50 रुपये प्रतिदिन
-12.5 फीसद कम और 10 फीसद ज्यादा ईएचवी पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-जहां नई लाइन बनानी हो 250 रुपये प्रतिदिन.
-अस्थायी कनेक्शन पर 100 रुपये प्रतिदिन
-कनेक्शन के टाइटिल ट्रांसफर श्रेणी परिवर्तन 50 रुपये प्रतिदिन
-स्थायी विच्छेदन, रिकनेक्शन पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-सिक्योरिटी रिफंड, अदेयता प्रमाण पत्र पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-बिल संबंधी शिकायत पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-लोड घटाने बढ़ाने, कनेक्शन खत्म कराने पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-उसी परिसर में शिफ्टिंग पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-मीटर रीडिंग पर 200 रुपये प्रतिदिन.
-खराब, जला मीटर बदलने पर 50 रुपये प्रतिदिन







उपभोक्ताओं को मुआवजे का लाभ न मिलने को लेकर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब नियामक आयोग ने आदेश दिया है तो पाॅवर काॅरपोरेशन को अपनी हेल्पलाइन दुरुस्त करनी चाहिए. ऐसी जानकारी सामने आई है कि 1912 पर फोन मिलाते रहो फोन ही नहीं लगता. जब फोन ही नहीं मिलेगा तो उपभोक्ताओं को मुआवजा कैसे मिलेगा? यह ठीक नहीं है. इसके लिए पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन से बात की जाएगी, नहीं तो विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल की जाएगी. जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके. कई सारी शिकायतें सामने आई हैं कि उपभोक्ता घंटों फोन मिलाते रहते हैं, लेकिन 1912 पर उनकी बात नहीं हो पाती. निश्चित तौर पर यह लापरवाही है.



यह भी पढ़ें : 88 पीसीएस अफसरों की तबादला सूची तैयार, कई आईएएस अफसरों पर भी गिरेगी गाज

बिजली विभाग का हेल्पलाइन नंबर लगता ही नहीं. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन ने उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा नीति लागू की है. अलग-अलग तरह की शिकायतों पर मुआवजा की राशि निर्धारित की गई है. उपभोक्ता को मुआवजा तभी मिल पाएगा जब उसने अपनी शिकायत मध्यांचल कस्टमर केयर के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर दर्ज कराई हो. अब सबसे बड़ी समस्या यही आ रही है कि मुआवजे का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा भी तो कैसे जब हेल्पलाइन का नंबर ही नहीं मिलता. घंटों उपभोक्ता 1912 डायल का नंबर मिलाते रह जाते हैं, लेकिन कस्टमर केयर का नंबर लगता ही नहीं. परेशान होकर उपभोक्ता फोन रख देता है और शिकायत दर्ज कराने का ख्वाब ही छोड़ देता है. इससे बिजली विभाग को यह लाभ है कि जब शिकायत नहीं दर्ज होगी तो मुआवजे का भार विभाग पर पड़ेगा ही नहीं.

बिजली विभाग का दावा.
बिजली विभाग का दावा.


घंटों फोन मिलाने पर भी नहीं लगती काल

अगर बिजली गुल हो जाए या फिर अन्य तरह की समस्या को लेकर उपभोक्ता मध्यांचल कस्टमर केयर के हेल्पलाइन 19:12 पर फोन करें तो घंटों कॉल करने पर भी अगर सहायता मिल जाए तो सौभाग्य ही समझिए, नहीं तो घंटों फोन मिलाने पर भी कस्टमर केयर का फोन लगता ही नहीं है. यही नहीं कई बार तो रात के समय अगर फोन लगाया जाता है तो 19:12 पर कॉल करने का पुलिस हैडक्वाटर के डायल 112 पर काल लग जाती है. ऐसे में उपभोक्ता कस्टमर केयर पर फोन लगाने से ही कतराने लगे है.

बिजली विभाग में घाटा.
बिजली विभाग में घाटा.
बिजली कंपनियों का कारनामा.
बिजली कंपनियों का कारनामा.

हर शिकायत पर मिलना है मुआवजा

-घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए 50 रुपये प्रति दिन.
-काल सेन्टर से रिस्पान्स न मिलने और शिकायत नंबर न देने पर 50 रुपये.
-श्रेणी एक शहरी क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे.
-ग्रामीण क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर 10 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे.
-सामान्य फ्यूज उड़ने पर 50 रुपये प्रतिदिन
-ओवरहेड लाइन भूमिगत केबल पर 100 रुपये प्रति दिन
-ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर 150 रुपये प्रतिदिन.
-ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत पर 100 रुपये प्रतिदिन
-वोल्टेज के लिए उपकेन्द्र की जरूरत पर 250 रुपये प्रतिदिन
-छह फीसद कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर 50 रुपये प्रतिदिन
-नौ फीसद कम व छह फीसद ज्यादा हाइवोल्टेज पर 50 रुपये प्रतिदिन
-12.5 फीसद कम और 10 फीसद ज्यादा ईएचवी पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-जहां नई लाइन बनानी हो 250 रुपये प्रतिदिन.
-अस्थायी कनेक्शन पर 100 रुपये प्रतिदिन
-कनेक्शन के टाइटिल ट्रांसफर श्रेणी परिवर्तन 50 रुपये प्रतिदिन
-स्थायी विच्छेदन, रिकनेक्शन पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-सिक्योरिटी रिफंड, अदेयता प्रमाण पत्र पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-बिल संबंधी शिकायत पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-लोड घटाने बढ़ाने, कनेक्शन खत्म कराने पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-उसी परिसर में शिफ्टिंग पर 50 रुपये प्रतिदिन.
-मीटर रीडिंग पर 200 रुपये प्रतिदिन.
-खराब, जला मीटर बदलने पर 50 रुपये प्रतिदिन







उपभोक्ताओं को मुआवजे का लाभ न मिलने को लेकर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब नियामक आयोग ने आदेश दिया है तो पाॅवर काॅरपोरेशन को अपनी हेल्पलाइन दुरुस्त करनी चाहिए. ऐसी जानकारी सामने आई है कि 1912 पर फोन मिलाते रहो फोन ही नहीं लगता. जब फोन ही नहीं मिलेगा तो उपभोक्ताओं को मुआवजा कैसे मिलेगा? यह ठीक नहीं है. इसके लिए पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन से बात की जाएगी, नहीं तो विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल की जाएगी. जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके. कई सारी शिकायतें सामने आई हैं कि उपभोक्ता घंटों फोन मिलाते रहते हैं, लेकिन 1912 पर उनकी बात नहीं हो पाती. निश्चित तौर पर यह लापरवाही है.



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