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यूपी में पावर कारपोरेशन का डाटा क्लीनिंग मिशन, हजारों स्टॉप बिलिंग कनेक्शन परमानेंट डिस्कनेक्ट

उत्तर प्रदेश में इन दिनों डाटा क्लीनिंग अभियान (data cleaning campaign) चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) ने हजारों की संख्या में स्टॉप बिलिंग (stop paying electric bill) वाले कनेक्शन परमानेंट डिस्कनेक्ट (stop billing connections) कर दिए.

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यूपी में स्टॉप बिलिंग कनेक्शन परमानेंट डिस्कनेक्ट
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Published : Jul 26, 2022, 10:50 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में कई हजार कनेक्शन ऐसे चल रहे थे जो स्टॉप बिलिंग थे, जिनकी बिलिंग हो ही नहीं रही थी. ऐसे कनेक्शनों को लेकर जब सवाल खड़े किए गए तो उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के चेयरमैन एम. देवराज ने साफ तौर पर निर्देश दिए कि ऐसे कनेक्शनों की जांच की जाए. जो कनेक्शन बंद हों, उन्हें परमानेंट डिस्कनेक्ट (up electricity disconnect) किया जाए. वहीं, जिन कनेक्शनों की स्टॉप बिलिंग (stop billing) है और अगर चालू हालत में पाए जाते हैं तो उनका बिल जनरेट किया जाए.

चेयरमैन के निर्देश पर पावर कारपोरेशन ने प्रदेश भर में डाटा क्लीनिंग का अभियान (data cleaning campaign) चलाया और हजारों की संख्या में लखनऊ समेत प्रदेश भर में बिजली के ऐसे कनेक्शनों को परमानेंट डिस्कनेक्ट कर दिया गया. तीन महीने के इस डाटा क्लीनिंग अभियान में लखनऊ में भी हजारों की संख्या में परमानेंट डिस्कनेक्शन हुए.

जानकारी देते जीबी पटेल केंद्रीय अध्यक्ष राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन.

डाटा क्लीनिंग के नाम पर लखनऊ में हजारों कनेक्शन काट दिए गए. विभागीय अधिकारियों ने परमानेंट डिस्कनेक्शन के लिए जब डाटा क्लीनिंग की कार्रवाई और कनेक्शनों की जांच की तो तमाम कनेक्शन बंद पाए गए. अधिकारियों ने इन सभी कनेक्शनों को काट दिया. जो कनेक्शन चलते हुए पाए गए उनका बिल जनरेट कर दिया गया.

डाटा क्लीनिंग अभियान में यह सामने आया कि तमाम कनेक्शनधारक वर्षों से बिल ही नहीं जमा कर रहे थे, जबकि भरपूर बिजली जला रहे थे. जब अधिकारियों ने मौका मुआयना किया तो ऐसे कनेक्शन सामने आए. उपभोक्ताओं को बिजली का बिल थमाया गया. वहीं, तमाम कनेक्शन ऐसे भी पकड़ में आए जो फर्जी थे, खासकर सौभाग्य योजना के. चेयरमैन के निर्देश पर चले इस अभियान में ऐसे कनेक्शनों की भरपूर क्लीनिंग की गई और उनका डाटा कंप्यूटर से डिलीट किया गया.

यह भी पढ़ें: योगी कैबिनेट की मीटिंग के साथ ही मंत्रिपरिषद की बैठक में हो सकते हैं कई फैसले

लखनऊ में काटे गए 18,330 कनेक्शन

बात अगर लखनऊ की करें तो यहां भी लेसा के अधिकारियों ने हजारों कनेक्शन काटे. लेसा ट्रांस गोमती (LESA Trans Gomti Nagar) क्षेत्र में 153 परमानेंट डिस्कनेक्शन किए गए. वहीं, लेसा सिस गोमती क्षेत्र में 18,180 परमानेंट डिस्कनेक्शन हुए. यानी कुल मिलाकर दोनों क्षेत्रों में 18,330 कनेक्शन काटे गए.

बक्शी का तालाब में कटे 50 कनेक्शन

बख्शी का तालाब डिवीजन में 50, रहीम नगर डिवीजन में 32, डालीगंज डिवीजन में 10, चिनहट डिवीजन में 33, गोमतीनगर डिवीजन में आठ, महानगर डिवीजन में पांच, सीतापुर रोड डिवीजन में 11, यूनिवर्सिटी डिवीजन में एक भी नहीं, इंदिरा नगर डिवीजन में एक, मुंशी पुलिया डिवीजन में तीन परमानेंट डिस्कनेक्शन किए गए. कुल मिलाकर लेसा ट्रांस गोमती डिवीजन में 153 परमानेंट डिस्कनेक्शन हुए.

इन इलाकों में काटे गए हजारों कनेक्शन

अमीनाबाद डिवीजन में चार, हुसैनगंज डिवीजन में 304, राजभवन डिवीजन में 21, ऐशबाग डिवीजन में 8, राजाजीपुरम डिवीजन में 3, अपट्रान डिवीजन में एक, सेस वन में 2,341, सेस दो में 2,283, सेस तीन में 7,607, सेस चार में 4,970, आलमबाग डिवीजन में चार, कानपुर रोड डिविजन में चार वृंदावन डिवीजन में 598, चौक डिवीजन में छह, रेजीडेंसी डिवीजन में एक भी नहीं और ठाकुरगंज डिवीजन 26 कनेक्शन काटे गए. कुल मिलाकर इन सभी डिवीजन में 18,180 कनेक्शन काटे गए.

यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग पर आज करेंगे बैठक

क्या कहते हैं संगठन के पदाधिकारी

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष जीबी पटेल का कहना है कि तीन माह तक चलाए गए डाटा क्लीनिंग अभियान में हजारों की संख्या में कनेक्शन काटे गए. वैसे तो परमानेंट डिस्कनेक्शन एक दिन में पांच से छह ही किए जा सकते हैं. लेकिन, दबाव के चलते इंजीनियरों को दो-दो सौ कनेक्शन एक दिन में ही काटने पड़े, जिससे वे काफी प्रताड़ित हुए. लेकिन, उच्चाधिकारियों का आदेश था, इसलिए पालन करना पड़ा. हजारों की संख्या में फर्जी कनेक्शन भी निकले, जिन्हें डिस्कनेक्ट किया गया. खासकर सौभाग्य योजना के तमाम कनेक्शन फर्जी थे. परमानेंट डिस्कनेक्शन कर डाटा क्लीनिंग का काम पूरा हुआ है.

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लखनऊ: राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में कई हजार कनेक्शन ऐसे चल रहे थे जो स्टॉप बिलिंग थे, जिनकी बिलिंग हो ही नहीं रही थी. ऐसे कनेक्शनों को लेकर जब सवाल खड़े किए गए तो उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के चेयरमैन एम. देवराज ने साफ तौर पर निर्देश दिए कि ऐसे कनेक्शनों की जांच की जाए. जो कनेक्शन बंद हों, उन्हें परमानेंट डिस्कनेक्ट (up electricity disconnect) किया जाए. वहीं, जिन कनेक्शनों की स्टॉप बिलिंग (stop billing) है और अगर चालू हालत में पाए जाते हैं तो उनका बिल जनरेट किया जाए.

चेयरमैन के निर्देश पर पावर कारपोरेशन ने प्रदेश भर में डाटा क्लीनिंग का अभियान (data cleaning campaign) चलाया और हजारों की संख्या में लखनऊ समेत प्रदेश भर में बिजली के ऐसे कनेक्शनों को परमानेंट डिस्कनेक्ट कर दिया गया. तीन महीने के इस डाटा क्लीनिंग अभियान में लखनऊ में भी हजारों की संख्या में परमानेंट डिस्कनेक्शन हुए.

जानकारी देते जीबी पटेल केंद्रीय अध्यक्ष राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन.

डाटा क्लीनिंग के नाम पर लखनऊ में हजारों कनेक्शन काट दिए गए. विभागीय अधिकारियों ने परमानेंट डिस्कनेक्शन के लिए जब डाटा क्लीनिंग की कार्रवाई और कनेक्शनों की जांच की तो तमाम कनेक्शन बंद पाए गए. अधिकारियों ने इन सभी कनेक्शनों को काट दिया. जो कनेक्शन चलते हुए पाए गए उनका बिल जनरेट कर दिया गया.

डाटा क्लीनिंग अभियान में यह सामने आया कि तमाम कनेक्शनधारक वर्षों से बिल ही नहीं जमा कर रहे थे, जबकि भरपूर बिजली जला रहे थे. जब अधिकारियों ने मौका मुआयना किया तो ऐसे कनेक्शन सामने आए. उपभोक्ताओं को बिजली का बिल थमाया गया. वहीं, तमाम कनेक्शन ऐसे भी पकड़ में आए जो फर्जी थे, खासकर सौभाग्य योजना के. चेयरमैन के निर्देश पर चले इस अभियान में ऐसे कनेक्शनों की भरपूर क्लीनिंग की गई और उनका डाटा कंप्यूटर से डिलीट किया गया.

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लखनऊ में काटे गए 18,330 कनेक्शन

बात अगर लखनऊ की करें तो यहां भी लेसा के अधिकारियों ने हजारों कनेक्शन काटे. लेसा ट्रांस गोमती (LESA Trans Gomti Nagar) क्षेत्र में 153 परमानेंट डिस्कनेक्शन किए गए. वहीं, लेसा सिस गोमती क्षेत्र में 18,180 परमानेंट डिस्कनेक्शन हुए. यानी कुल मिलाकर दोनों क्षेत्रों में 18,330 कनेक्शन काटे गए.

बक्शी का तालाब में कटे 50 कनेक्शन

बख्शी का तालाब डिवीजन में 50, रहीम नगर डिवीजन में 32, डालीगंज डिवीजन में 10, चिनहट डिवीजन में 33, गोमतीनगर डिवीजन में आठ, महानगर डिवीजन में पांच, सीतापुर रोड डिवीजन में 11, यूनिवर्सिटी डिवीजन में एक भी नहीं, इंदिरा नगर डिवीजन में एक, मुंशी पुलिया डिवीजन में तीन परमानेंट डिस्कनेक्शन किए गए. कुल मिलाकर लेसा ट्रांस गोमती डिवीजन में 153 परमानेंट डिस्कनेक्शन हुए.

इन इलाकों में काटे गए हजारों कनेक्शन

अमीनाबाद डिवीजन में चार, हुसैनगंज डिवीजन में 304, राजभवन डिवीजन में 21, ऐशबाग डिवीजन में 8, राजाजीपुरम डिवीजन में 3, अपट्रान डिवीजन में एक, सेस वन में 2,341, सेस दो में 2,283, सेस तीन में 7,607, सेस चार में 4,970, आलमबाग डिवीजन में चार, कानपुर रोड डिविजन में चार वृंदावन डिवीजन में 598, चौक डिवीजन में छह, रेजीडेंसी डिवीजन में एक भी नहीं और ठाकुरगंज डिवीजन 26 कनेक्शन काटे गए. कुल मिलाकर इन सभी डिवीजन में 18,180 कनेक्शन काटे गए.

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क्या कहते हैं संगठन के पदाधिकारी

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष जीबी पटेल का कहना है कि तीन माह तक चलाए गए डाटा क्लीनिंग अभियान में हजारों की संख्या में कनेक्शन काटे गए. वैसे तो परमानेंट डिस्कनेक्शन एक दिन में पांच से छह ही किए जा सकते हैं. लेकिन, दबाव के चलते इंजीनियरों को दो-दो सौ कनेक्शन एक दिन में ही काटने पड़े, जिससे वे काफी प्रताड़ित हुए. लेकिन, उच्चाधिकारियों का आदेश था, इसलिए पालन करना पड़ा. हजारों की संख्या में फर्जी कनेक्शन भी निकले, जिन्हें डिस्कनेक्ट किया गया. खासकर सौभाग्य योजना के तमाम कनेक्शन फर्जी थे. परमानेंट डिस्कनेक्शन कर डाटा क्लीनिंग का काम पूरा हुआ है.

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